साँची। सांची में दो दिवसीय महाबोधि महोत्सव का शुभारंभ हो गया है। सुबह प्रभात फेरी निकाली गई इसके बाद बौद्ध भिक्षु सारिपुत्र और महामोदग्लायन के अस्थि कलश का पूजन किया गया। दोनों अस्थिकलशों को आम लोगों के दर्शन के लिए रखा गया है। इस महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1952 में नवंबर के अंतिम रविवार को सांची के बौद्ध स्तूप परिसर स्थित चैत्यगिरि विहार मंदिर के लोकार्पण समारोह के रूप में हुई थी, जिसमें तत्कालीन प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू शामिल हुए थे। तभी से हर साल नवंबर के अंतिम रविवार को इस महोत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है।चैत्यगिरि विहार मंदिर की विशेष सजावट विदेशी मेहमानों द्वारा की गई है। वियतनाम से बतौर बौद्ध अनुयायी के रूप में महाबोधि महोत्सव में आस्था और भक्ति भाव के साथ शामिल होने के लिए आए हैं। इसके अलावा वियतनाम, सिंगापुर, थालेंड, जापान, श्रीलंका, म्यामार, भूटान, वर्मा सहित कई अन्य देशों से सैकंडों बौद्ध अनुयायी और पर्यटक शामिल होंगे।