कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुर्गापूजा पंडालों में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को दिए आदेश में न्यायालय ने कहा कि जनता के लिए नो-एंट्री जोन बनाया जाए। ताकि भीड़ के कारण कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर आदेश पारित किया।
हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। जिससे विभिन्न स्थानों पर दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान बड़ी भीड़ न हो। याचिकाकर्ताओं के वकील ने इस संबंध में उच्च न्यायालय ने 19 और 21 अक्टूबर 2020 को पारित आदेशों का हवाला दिया। कहा कि इस साल भी उसी प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए, ताकि कोरोना के प्रसार को रोका जा सके।
पिछले साल के आदेशों का पालन करना होगा
प्रदेश के महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने कहा कि संबंधित अधिकारियों द्वारा पिछले साल के आदेशों का पालन किया जाएगा। विद्वान महाधिवक्ता द्वारा उठाए निष्पक्ष रुख को देखते हुए, खंडपीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए निर्देश दिया कि इस बार भी दुर्गा पूजा पंडालों में प्रवेश पर प्रतिबंध पिछले साल के आदेशों का पालन किया जाएगा।
15 से 25 लोगों को आने की इजाजत
हाईकोर्ट ने कहा कि पिछले साल लगाए गए सभी प्रतिबंध इस बार भी रहेंगे। कोर्ट कहा कि छोटे पंडालों के पांच मीटर का क्षेत्र और बड़े पंडालों केआसपास का 10 मीटर का एरिया नो-एंट्री जोन का हिस्सा होगा। न्यायालय ने कहा कि पूजा आयोजन समितियों के 15 से 25 लोगों को पंडालों में आने की इजाजत होगी।
नाइट कर्फ्यू नहीं रहेगा
अदालत मे यहा भी कहा था कि आयोजकों को मास्क और सैनिटाइजर का वितरण, जागरूकता और लगातार घोषणाएं करनी होगी, ताकि जनता को महामारी के खतरे के बारे में पता चल सके। बता दें बंगाल सरकार ने दुर्गापूजा के मद्देनजर नाइट कर्फ्यू में राहत दी है। 10 से 20 अक्टूबर तक रात्रि कर्फ्यू नहीं रहेगा। दुर्गापूजा में होने वाली भीड़ के कारण वायरस न फैले, इस पर नजर रखी जा रही है।