तालिबान ने किया पंजशीर पर कब्जे का दावा…

नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट ने किया खारिज
काबुल।
तालिबान ने पंजशीर फतह का दावा ठोक दिया है। कुछ मीडिया सूत्रों के मुताबिक, तालिबान लड़ाकों ने पंजशीर के गवर्नर हाउस को अपने कब्जे में ले लिया है और वहां पर तालिबानी झंडा भी लगा दिया है। जारी की गई तस्वीरों में गवर्नर हाउस में तालिबान का झंडा और उसके बाहर लड़ाके खड़े नजर आ रहे हैं।
तालिबान ने दावा किया है कि पंजशीर की लड़ाई में उसने प्रतिरोधी मोर्चे के चीफ कमांडर मोहम्मद साहेल को मार गिराया है। इससे पहले मोर्चे के प्रवक्ता फहीम दश्ती और महमद मसूद के भतीजे की मौत की खबर भी सामने आ चुकी है।
तालिबान ने जहां पंजशीर प्रांत पर भी कब्जा करने की बात कही है, तो वहीं विद्रोही संगठन नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) ने तालिबान के दावे को गलत बताया है। एनआरएफ ने कहा है कि पंजशीर पर तालिबान के कब्जे की बात गलत है। हमारे लड़ाके पंजशीर के हर कोने में मौजूद हैं।
एनआरएफ ने कहा है कि अहम चौकियों पर अभी भी हमारे कमांडर तैनात हैं। इसके साथ ही पंजशीर घाटी में अलग अलग जगहों पर भी हमारे लड़ाके तैनात हैं। लड़ाई अभी जारी है। एनआरएफ ने उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान के लोग इस लड़ाई को जारी रखेंगे।
सूत्रों के मुताबिक तालिबान का कहना है कि उसने पंजशीर प्रांत पर भी पूरी तरह कब्जा कर लिया है। इसके साथ-साथ रजिस्टेंस फोर्स यानी नॉर्दन अलायंस के चीफ कमांडर सालेह मोहम्मद की भी मौत का भी दावा किया गया है। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा, इस जीत से हमारा देश पूरी तरह से युद्ध के दलदल से बाहर निकल गया है।
पंजशीर को लेकर तालिबान ने कहा था, अल्लाह की मदद से और हमारे राष्ट्र के व्यापक समर्थन के साथ, देश की पूर्ण सुरक्षा के लिए हमारे अंतिम प्रयासों का परिणाम हुआ। पंजशीर पूरी तरह से जीत लिया गया है। अब पंजशीर घाटी इस्लामी अमीरात के नियंत्रण में आ गयी है।
बताया जा रहा है कि तालिबान के दावे के बाद अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। वहीं पंजशीर का नेता अहमद मसूद तीन दिन से ताजिकिस्तान में है।
00 600 तालिबानियों की मौत का बदला
फहीम दश्ती की मौत से एक दिन पहले ही प्रतिरोधी मोर्चे ने तालिबानियों का बड़ा नुकसान किया था। भयंकर गोलीबारी में 600 से ज्यादा तालिबानियों की मौत हुई थी, तो वहीं एक हजार से ज्यादा ने आत्मसमर्पण किया था। फहीम दश्ती भी इस संघर्ष का हिस्सा थे, उन्होंने ही 600 तालिबानियों की मौत की पुष्टि की थी। इसके एक दिन बाद ही तालिबान ने पंजशीर के गवर्नर हाउस पर कब्जा जमा लिया है।
फहीम दश्ती की मौत के बाद प्रतिरोधी मोर्चे की ओर से युद्ध विराम की अपील की गई है। अहमद मसूद का भी कहना है कि अगर तालिबान अपने लड़ाकों को पंजशीर से वापस बुला लेता है तो वह तुरंत लड़ाई रोक देंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *