नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ टीबी उन्मूलन के लिए देश के प्रयासों के बारे में सांसदों को जागरूक बनाने के लिए आज आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया और केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने देश में टीबी (क्षय रोग) की स्थिति के बारे में दर्शकों को अवगत कराया। उन्होंने जैसा कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल्पना की थी, वर्ष 2025 तक इस बीमारी का तेजी से उन्मूलन करने की जरूरत के बारे में जानकारी दी। सांसदों को इस संवेदनशील प्रक्रिया में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद देते हुए उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि केंद्र, राज्य, जिला और स्थानीय स्तर पर समन्वय से इस कार्य को जन आंदोलन बनाने में मदद मिलेगी और वर्ष 2025 तक टीबी का उन्मूलन करने के हमारे प्रयासों में तेजी आएगी। पूरे देश में स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की बढ़ती पहुंच के कारण इस मोर्चे के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में आजादी के बाद से बहुत ही महत्वपूर्ण प्रगति अर्जित की गई है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि टीबी निदान और उपचार के माध्यम से वर्ष 2000 से अब तक 63 मिलियन लोगों की जान बचाई गई है। उन्होंने सांसदों से सरकारी कार्यक्रमों की उचित योजना और निष्पादन के लिए अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में एक लक्ष्य का निर्धारण करने और टीबी का उन्मूलन करने में मदद करने का आह्वान किया। सांसदों ने टीबी मुक्त भारत का संकल्प भी लिया।