भारत में सामने आए कोरोना वेरिएंट की जाँच कर रहे स्वास्थ्य अधिकारी…

लंदन। ब्रिटेन में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में पिछले महीने कम होकर करीब आधी हो गई है जो कि पिछले वर्ष के बाद से कोविड-19 के मामलों का सबसे कम स्तर है। द इंपीरियल कॉलेज लंदन के नेतृत्व में सामुदायिक संक्रमण का वास्तविक समय आकलन (आरईएसीटी-1) अध्ययन ऐसे समय किया गया है जब यह बात सामने आयी कि भारत में सामने आए कोविड-19 के नए प्रकार पर सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार समूह (एसएजीई) द्वारा चर्चा करने को लेकर के लिए एक समीक्षा बैठक की जानी है।
कोविड-19 के इस नए प्रकार के बारे में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संसद कहा था कि यह बेहद चिंता उत्पन्न करने वाला है क्योंकि यह पिछले साल ब्रिटेन के कैंट काउंटी में पहली बार सामने आये प्रकार की तुलना में काफी अधिक संक्रामक हो सकता है।
कोविड-19 का नया प्रकार बी.1.617.2 भारत में पहली बार ज्ञात उत्परिवर्तन के तीन उप-प्रकारों में से एक है। ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने कहा कि एसएजीई के वैज्ञानिक अपना आकलन करेंगे, वे सरकार को जानकारी देंगे और हम आंकड़ों और उनके द्वारा दिए गए सबूतों के आधार पर निर्णय लेंगे।
ऐसी आशंका है कि पूर्ण लॉकडाउन ढील को लेकर ब्रिटेन सरकार की रूपरेखा एसएजीई विश्लेषण से प्रभावित हो सकती है। यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने कहा है कि वह इसको लेकर बहुत आश्वस्त है कि वर्तमान में उपयोग में आने वाले टीके कोविड के प्रकार बी.1.617.2 के खिलाफ प्रभावी हैं, जो इस स्तर पर ब्रिटेन में वैज्ञानिकों का दृष्टिकोण बना हुआ है।
इस बीच, 15 अप्रैल से 3 मई के बीच किए गए आरईएसीटी-1 अध्ययन से पता चलता है कि वर्तमान में 0.1 प्रतिशत आबादी संक्रमित है, या 1,000 में से एक व्यक्ति संक्रमित है। यह अध्ययन घरों से लिये गए 127,000 से अधिक नमूनों पर आधारित है। यह अध्ययन पिछले जांच दौर से तुलना करता है जब 30 मार्च तक 0.2 प्रतिशत या 500 में एक व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित था।

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