नंदीग्राम। इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी ) के लिए नाक की लड़ाई बन गया। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम विधानसभा सीट का संग्राम बेहद ही रोचक रहा है, जहां से वर्ष 16 में तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। वहीं इस बार प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टक्कर देने उनकी ही पार्टी के पूर्व नेता सुवेंदु अधिकारी मैदान में थे। दूसरे राउंड के रुझानों में 7287 वोटों से सुवेंदु अधिकारी आगे चल रहे हैं। वहीं ममता बनर्जी पिछड़ गईं हैं। यहां जानें नंदीग्राम की जनता ने किस पर बरसाई ममता और किसे चुना है अपना अधिकारी…
बंगाल में आज सबकी निगाहें नंदीग्राम सीट पर लगी हैं। वजह स्पष्ट है कि यहां से प्रदेश के दो सबसे कद्दावर नेता ममता बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी आमने-सामने हैं। जानकार बताते हैं कि बंगाल में भले जो जीते या हारे, लेकिन नंदीग्राम की जीत-हार अपने आप में नई इबारत लिखेगी।
पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में आने वाली नंदीग्राम विधानसभा सीट पर एक दशक से ज्यादा समय तक टीएमसी का कब्जा रहा है। वर्ष 2016 में नंदीग्राम में कुल 87 प्रतिशत वोट पड़े। 2016 में तृणमूल कांग्रेस से सुवेंदु अधिकारी ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के अब्दुल कबीर सेख को 81230 वोटों के मार्जिन से हराया था।
नंदीग्राम सीट पर ये उम्मीदवार हैं मैदान में
नंदीग्राम सीट पर इस बार 8 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इन उम्मीदवारों में सुवेंदु अधिकारी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सीपीआईएम की उम्मीदवार मीनाक्षी मुखर्जी, सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) के मनोज कुमार दास और निर्दलीय उम्मीदवारों में दीपक कुमार गायेन, सुब्रत बोस, एसके सद्दाम हुसैन और स्वपन पुरुआ।
नंदीग्राम सीट पर 2009 से है टीएम का कब्जा
वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से टीएमसी के टिकट पर सुवेंदु अधिकारी ने जीत हासिल की। उन्हें 66 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले थे।
वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी की टिकट पर फिरोजा बीबी को जीत मिली थी। उन्हें 61.21 प्रतिशत वोट मिले थे।
वर्ष 2009 के उपचुनाव में इस सीट पर टीएमसी की फिरोजा बीबी ने जीत दर्ज की थी।
वर्ष 2006 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाकपा के टिकट पर इलियास मोहम्मद विजयी हुए थे। उन्हें 69,376 वोट मिले थे। इलियास ने टीएमसी के एसके सुपियान को हराया था।
वर्ष 1996 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के देबिशंकर पांडा विजयी हुए थे। पांडा को 61,885 वोट मिले थे।
वर्ष 1967 से 1972 तक भाकपा के भूपल चंद्र पांडा इस सीट पर जीतते रहे।