फोन टैपिंग मामले में मुख्य सचिव ने मुख्यंत्री को सौंपी रिपोर्ट, रश्मि शुक्ल पर कार्रवाई की तैयारी

गलत आधार पर ली थी फोन टैपिंग की इजाजत
मुंबई।
महाराष्ट्र में तबादला रैकेट के मामले में नया मोड़ आ गया है। मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंप दिया। रिपोर्ट में राज्य खुफिया विभाग की तत्कालीन आयुक्त रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा गया है कि उन्होंने गलत आधार पर फोन टैपिंग की इजाजत ली और निजी व्यक्तियों के फोन टैप कर सरकार की आंख में धूल झोंका।
पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने पिछले दिनों राज्य खुफिया विभाग की तत्कालीन आयुक्त रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट के आधार पर तबादलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने केंद्रीय गृह सचिव से मिलकर जांच की मांग की है। इससे महाविकास आघाड़ी सरकार में हलचल मच गई थी। मुख्यमंत्री ने राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को इससे संबंधित रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था।
कुंटे ने अपनी रिपोर्ट कहा है कि 2020 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के कुल 167 तबादले किए गए, जिसमें से चार अपवाद रहे। शेष सभी तबादले पुलिस आस्थापना बोर्ड-1 की सिफारिश के अनुसार किए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल ने तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सीताराम कुंटे को यह रिपोर्ट सौंपी थी। कुंटे अब राज्य के मुख्य सचिव हैं।
00 कानून-व्यवस्था को खतरा बता मांगी थी फोन टैपिंग की अनुमति
रिपोर्ट के अनुसार, खुफिया विभाग की तत्कालीन आयुक्त रश्मि शुक्ला ने जुलाई 2020 में यह कह कर फोन टैपिंग की अनुमति मांगी थी कि कुछ व्यक्तियों से सार्वजनिक कानून-व्यवस्था को खतरा पहुंच सकता है। कानून-व्यवस्था को खतरे के तहत आतंकवाद व दंगे भड़कने जैसे मामले आते हैं। इसके आधार पर शुक्ला ने कुछ लोगों के फोन टैप किए, जिसमें कुछ अधिकारियों के तबादले को लेकर बातचीत टैप की गई थी।
25 अगस्त को उन्होंने अपनी रिपोर्ट राज्य के पुलिस महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को सौंपी थी। जायसवाल ने यह रिपोर्ट 26 अगस्त 2020 को तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के सुपुर्द किया था। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री ठाकरे को दी गई तो उन्होंने इसकी छानबीन के निर्देश दिए। 31 अगस्त, 2020 को इस रिपोर्ट से संबंधित जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई, जिसमें कहा गया कि रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट में तबादले को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शुक्ला ने फोन टैपिंग के लिए मिली अनुमति का गलत इस्तेमाल किया। इस मामले में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था। इसके बाद रश्मि शुक्ला ने व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और मुझसे (कुंटे) मिलकर माफी मांगी थी। उन्होंने कैंसर से पति की मौत और बच्चों की पढ़ाई का हवाला देते हुए माफ करने की गुजारिश की थी। शुक्ला ने कहा था कि मुझसे गलती हुई है। मुझे यह रिपोर्ट वापस लेने की अनुमति दी जाए। उनके माफी मांगने के बाद शुक्ला पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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