छत्तीसगढ़ का पहला समुद्री राष्ट्रीय मरीन फॉसिल्स पार्क
मनेंद्रगढ़। कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ शहर में स्थित समुद्री मरीन फॉसिल्स पार्क आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने को मजबूर है। प्रशासन व वन विभाग की बेरूखी ने इस अमूल्य धरोहर को खत्म होने के लिए अपने हाल में छोड़ दिया है। आमाखेरवा के पास पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास हसदेव नदी और हसिया नाला के बीच फॉसिल्स पार्क स्थित है ।
यहां फॉसिल्स की खोज कुछ साल पहले वन विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई थी।
जियो – हेरिटेज सेंटर :- वन विभाग के अधिकारियों ने इसके बारे में बीरबल साहनी इंस्टीटयूट ऑफ पैलियोबॉटनी लखनऊ से सलाह ली थी। इंस्टीटयूट ने क्षेत्र की जांच के लिए वैज्ञानिकों की एक टीम भेजी थी और उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि इस क्षेत्र का विकास जियो-हेरिटेज सेंटर के रूप में किया जाना चाहिए।
क्या है फॉसिल्स ?
फॉसिल्स से तात्पर्य वह समुद्री जीव जंतु है जो करोड़ो वर्ष पहले समुद्र में रहते थे, तथा प्राकृतिक परिर्वतन एवं पृथ्वी के पुनर्निर्माण में समुद्र के हटने पर उन जीवों के अंश पत्थरों के मध्य दबकर यथावत रह गए थे। फॉसिल्स पृथ्वी के परिर्वतन के वैज्ञानिक साक्ष्य है।
देश में चार जगह और हैं ऐसे जीवाश्म –
खेमगांव (सिक्किम)
राजहरा (झारखंड)
सुबांसरी (अरुणाचल प्रदेश)
दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल)
मनेंद्रगढ़ में स्थित इस समुद्री जीवों के जीवाश्म वाले क्षेत्र को जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (जीएसआई)ने 1982 से नेशनल जियोलॉजिकल मोनूमेंट्स में शामिल किया गया है।
28 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्मः
मनेंद्रगढ़ में पाया गया जीवाश्म भूवैज्ञानिक समयमान (जियोलॉजिकल टाइम स्केल) के मुताबिक परमियन काल यानी करीब 29.8 से 25.2 करोड़ साल पूर्व का है , इसे जीवाश्म गोंडवाना सुपरग्रुप की चट्टानों में हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश का 44 फीसदी हिस्सा आज भी घने जंगलों से आच्छादित है। यहां जीवाश्म पर अध्ययन की असीमित संभावनाएं है।
यहां भले ही फॉसिल्स पार्क की महत्ता एवं प्रसिद्धि विश्व स्तर पर हो लेकिन आज भी मरीन फॉसिल्स पार्क स्थानीय एवं आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए अनजान बना हुआ है। कि इस जगह ( आज का मनेंद्रगढ़ ) मे भी समुद्र हुआ करता था। { जीवाश्म (जीव + अश्म = पत्थर)से कार्बनिक विकास का प्रत्यक्ष प्रमाण मिलता है। इनके अध्ययन को जीवाश्म विज्ञान या पैलेन्टोलॉजी कहते हैं। विभिन्न प्रकार के जीवाश्मों के निरीक्षण से पता चलता है कि पृथ्वी पर अलग-अलग कालों में भिन्न-भिन्न प्रकार के जन्तु हुए है।
अतिक्रमण से हानि :- फॉसिल्स पार्क के आसपास हो रहे अतिक्रमण से सबसे ज्यादा खतरा नजर आ रहा है। यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो हमें इस अमूल्य धरोहर से वंचित होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।