बालोद। जिलें में रेत की कमी न हो व अवैध उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार ने रेत खदानों की स्वीकृति दी है। जिसमें बालोद ब्लाक के रेत खदान भी शामिल है। मगर संचालित की जा रही रेत खदानों में नियमो का पालन नही किया जा रहा है। दरअसल नेवारीकला रेत खदान में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी के नियमो का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। रेत खदानों में ठेकेदार के द्वारा चैन माउंटेन से रेत उत्खनन किया जा रहा है। ठेकेदार का चैन माउंटेन मशीन धड़ल्ले से तांदुला नदी का सीना छलनी कर रहा है।
बता दे कि भारत सरकार वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की नोटिफिकेशन एवं इसमे किए गए संशोधनों के अनुसार रेत खदानों में खदान संचालन के लिए दी गई पर्यावरणीय अनापत्ति में यह शर्त होती है कि, रेत का खनन मानव श्रम से किया जाए जिसमे मशीनों से रेत उत्खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध है। रेत उत्खनन में ठेकेदार राष्ट्रीय हरित न्यायालय एनजीटी के आदेश की बेखौफ धज्जिायां उड़ा रहा है और जिलें का खनिज विभाग मौन साधे बैठा है।
ज्ञात रहे कि नई सरकार के गठन बाद ग्राम पंचायतों से खदान संचालन जारी करने की शक्ति वापस लिए जाने के बाद छत्तीसगढ़ गौण खनिज नियम के अंतर्गत इलेक्ट्रानिक निविदा के माध्यम से उत्खनन पट्टा आबंटित किया गया है। छत्तीसगढ़ की प्रदेश सरकार एक ओर रेत खदानों में अवैध खनन रोकने नियमानुसार नीलामी के माध्यम से रेत खदानों का आबंटन कर रही है। दूसरी ओर जिले के बालोद विकासखंड अंतर्गत ग्राम नेवारीकला रेत खदान में चैनमाउंटेन मशीनों से दिन रात रेत खनन का कार्य किया जा रहा है।
खनिज विभाग के अधिकारी मामले की जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए दिखवाने की बात कह रहे है। कुल मिलाकर तथ्य यह है कि बिना विभाग की मदद के अवैध खनन नहीं हो सकता है। वैध खनन की आड़ में स्वीकृत गहराइयों से अधिक गहराइयों तक पहुंच कर रेत खनन किया जा रहा है। समय रहते ठेकेदार की मनमानी नही रोकी गई तो चि-ति रेत खनन पट्टा से बाहर जाकर भी खनन की जा सकती है। नदी से ढुलाई वाहन में दुगना-तिगुना रेत लेकर हाईवा बेरोकटोक बाहर निकाले जा रहे हैं। ज्यादातर इन ढुलाई वाहनों पर नंबर प्लेट भी नहीं होतीं है।
तांदुला नदी का सीना छलनी कर रहे माफिया
मशीनों से रेत उत्खनन पर पूर्णतः प्रतिबंध होने के बावजूद नेवारीकला रेत खदान में एनजीटी के नियमो की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। ठेकेदार के द्वारा चैन माउंटेन मशीनों से रेत उत्खनन किया जा रहा है। ठेकेदार का चैन माउंटेन मशीन बेखौफ तांदुला नदी का सीना छलनी कर रहा है। रेत खदान संचालनकर्ता को खनिज रेत का मूल्य एवं अन्य प्रभारित करों को खदान क्षेत्र में आम जनता के लिये प्रदर्शित करना भी अनिवार्य है लेकिन नेवारीकला के खदान में वर्तमान व्यवस्था को दरकिनार किया जा रहा है।
आसमान तक पहुंचे रेत के दाम
प्रदेश की सरकार नई व्यवस्था से नदियों एवं जल स्रोतों के पर्यावरणीय दृष्टिकोण से संरक्षण के साथ ही उपभोक्ताओं को सुगमता से उचित मूल्य पर रेत उपलब्ध कराना चाहती है पर उदासीन खनिज विभाग व ठेकेदार की मनमानी से पर्यावरणीय नुकसान हो रहा और रेत की कीमतें आसमान भी छू रही है।