आसाराम की देर रात बिगड़ी तबियत, दिल का दौरा पड़ने पर सीसीयू वार्ड में भर्ती

जोधपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले मे जेल में बंद आसाराम की देर रात तबियत बिगड़ गई, जिसके बाद जोधपुर जेल प्रशसान ने आसाराम को शहर के महात्मा गांधी अस्पताल ले गए, जहां पर आसाराम के तीन घंटे के इलाज के दौरान पुलिसकर्मियों को प्रवचन भी दिए। वहीं आसाराम को देखने के लिए अस्पताल के बाहर आसाराम समर्थकों का ताता लग गया।
दरसअल देर रात 12 बजे आसाराम की सेंट्रल जेल में तबियत बिगड़ गई। सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद जेल प्रशासन कड़ी सुरक्षा के बीच आसाराम को जेल से बाहर महात्मा गांधी अस्पताल लेकर पहुंचा। उन्हें पुलिस वैन में अस्पताल पहुंचे ले जाया गया। जैसे ही आसाराम के समर्थकों को इसकी सूचना लगी, वह अस्पताल के बाहर पहुंच गए और जब तक पुलिस उन्हें दिखाने के बाद अस्पताल से ले नहीं गई, तब तक लोग वहां पर डटे रहे। बाद में जब आसाराम को ले जाने लगे तो उन्हें देखने के लिए बाहर लोग भागने लगे।
बता दें कि आसाराम की मंगलवार रात को जेल में अचानक तबीयत बिगड़ गई। आसाराम को बेचैनी महसूस हुई तो पहले जेल की डिस्पेंसरी में एक घंटे तक प्राथमिक उपचार दिया गया। उसके बाद महात्मा गांधी अस्पताल की इमरजेंसी में लाया गया. जहां आसाराम ने खुद ही बताया कि उसके घुटने काम नहीं कर रहे हैं, बीपी की परेशानी हो रही है और साथ में बेचैनी भी हो रही है।
इसके अलावा आसाराम ने प्रोस्टेट की परेशानी भी बताई। जब आसाराम को इमरजेंसी लाया गया तो उसके कुछ भक्त भी वहां पहुंच गए, जिन्हें पुलिस ने बाहर निकाला। आसाराम को लगभग पूरे समय एक्स-रे रूम में ही रखा गया। जहां ब्लड सैंपल लिया गया। इसके अलावा कार्डियोलॉजी के डॉक्टर को भी बुलाया गया। एक्स-रे के बाद आसाराम की सीटी स्कैनिंग हुई। उसकी ईसीजी रिपोर्ट नार्मल आई।
इसके बाद आसाराम को महात्मा गांधी अस्पताल से मथुरादास माथुर अस्पताल के सीसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया। आसाराम के बीमार होने की खबर पहुंचते ही आसाराम के समर्थक अस्पताल के बाहर बड़ी तादाद में पहुंच गए।
बता दें कि यौन शोषण मामले में बीते हफ्ते राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर में आसाराम मामले में सुनवाई होनी थी। लेकिन आसाराम की ओर से वकील को मुंबई से आना था लेकिन वह नहीं पहुंचे। ऐसे में वकीलों ने सुनवाई टालने का अनुरोध किया। अब 8 मार्च को अपील पर सुनवाई होगी। आसाराम को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
साल 2013 में एक नाबालिग लड़की ने जोधपुर के निकट मनाई आश्रम में आसाराम पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। जिसके बाद 31 अगस्त 2013 को आसाराम को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया गया। आसाराम पर पोक्सो, जुवेनाइनल जस्टिस एक्ट, रेप, आपराधिक षडयंत्र और दूसरे कई मामलों के तहत केस दर्ज हैं. साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट में आसाराम ने जमानत याचिका लगाई, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। फिर अप्रैल 2018 में जोधपुर स्पेशल कोर्ट ने आसाराम को एक नाबालिग लड़की के साथ रेप का दोषी पाया। कोर्ट ने आसाराम को पोक्सो कानून के तहत आजीवन कारावास और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

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