लोगो को आगे आकर अच्छी चीजों के लिए धन वैभव को लगाना चाहिए-ललित सुरजन

अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन (एप्सो) द्वारा गांधी का विश्व शांति संदेश विषय पर गोष्ठी का आयोजन
धमतरी। अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता (एप्सो) धमतरी इकाई द्वारा गांधी जी का विश्व शांति का संदेश विषय पर गोष्ठी का आयोजन टिम्बर भवन में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व प्रमुख वक्ता के रुप में ललित सुरजन सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष मंडल एप्सो एवं प्रधान संपादक देशबंधु रायपुर रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सहित्याकार रवि श्रीवास्तव भिलाई ने की। इस दौरान अतिथियों व उपस्थित जनों ने गांधी जी व उनके विचारों के संबंध में अपने विचार रखे। सबसे पहले एप्सो धमतरी के अध्यक्ष रामकृष्ण साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारा सौभाग्य है कि ललित सुरजन और रवि श्रीवास्तव जैसे व्यक्तित्व हमारे समक्ष है। वे पत्रकारिता व साहित्य के माध्यम से गांधी जी के आदर्शो को समाज में प्रसारित कर रहे है। गांधी जी अंहिसावादी विचारधारा के थे। जिसके दम उन्होने देश को आजादी दिलाई। समाजसेवी गोपाल शर्मा ने कहा कि एप्सो संस्था से जुडऩे का यह अच्छा अवसर है। इस संंस्था में गांधी जी की परछाई दिखती है। आज इस संस्था को न सिर्फ हमारा देश बल्कि पूरा विश्व मान रहा है। यह संस्था गांधी जी के विचारों का विनिमय कर रही है। यह संस्था समाज में नफरत को कम करने का काम कर रही है। एप्सो अन्तर्राष्ट्रीय संस्था है यह गौरव की बात है। इसके पश्चात प्रमुख वक्ता ललित सुरजन ने अपने उद्बोधन में कहा कि एप्सो संस्था के विश्व शांति के उद्देश्य से एशिया, अफ्रीका व लैटिन अमेरिका के लोग भी जुड़े हुए है। इस संस्था का उद्देश्य अंहिसा को बढ़ावा देना है। हम परमाणु नि:शस्त्रीयकरण के पक्षधर है। शांति हमारा उद्देश्य है। हमारा धर्म निरपेक्षता, समाजिक न्याय, पर अटूट विश्वास है। श्री सुरजन ने लोगो से अपील करते हुए कहा कि लोगो को आगे आकर अच्छी चीजों के लिए धन वैभव को लगाना चाहिए। उन्होने बताया कि एप्सो वल्र्डपीस कॉउंसिल के सदस्य है। संस्था द्वारा विभन्न जंयती व कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। एप्सो व अन्य संगंठन में गांधी जयंती पर 200 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। गांधी व नेहरु जी ऐसे व्यक्तित्व है जिन्होने सबसे अधिक लेखन किया है। और गांधी जी ही ऐसे लीडर है जिन पर विश्व में सबसे ज्यादा लिखा गया है। गांधी जी ने अपने जीवन सबसे ज्यादा 20 हजार पन्नो का लेखन किया है। गांधी काम, क्रोध, मोह, मद, लोभ व ईष्र्या से परे थे। उन्हे सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि पूरे मानव समाज की चिंता थी। मंच का संचालन मदन मोहन खण्डेलवाल व आभार कीर्ति शाह ने किया। गोष्ठी में विशेष रुप से अरविंद दोशी, हर्षद मेहता, त्रिभुवन पाण्डेय, जानकी प्रसाद शर्मा, विनोद जैन, मोहन लालवानी, शरद लोहाना, डा. लक्ष्मीनारायण महावर, नरेश जसूजा, विक्रांत शर्मा, विरेन्द्र कोसरिया, शिवओम बैगा नाग, नम्रता पवार, पुष्पा अग्रवाल, मनीषा साहू, साहिर हुसैन, राहुल बख्तानी, नरेश चंद श्रोति, कृष्ण मरकाम, पीयूष पाण्डेय सहित संख्या गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
आज दौर है फुहड़ता, विचारहीनता व शून्यता का
गोष्ठी के दौरान प्रमुख वक्ता ललित सुरजन ने कहा कि आज का दौर विचारहीनता व फुहड़ता का है। हमे अपने विचारों कर्तव्यों में बदलाव की आवश्यकता है. ताकि हम अपनी आने वाली पीढिय़ों को सुन्दर व सुरक्षित माहौल दे सकें। साहित्यकार रवि श्रीवास्तव ने कहा कि यदि हम गांधी जी के सिद्धांतो की चर्चा करते है, लेकिन अपने जीवन में आत्मसात नहीं करते तो यह व्यर्थ है। आज के दौर में अश्लीलता फुहड़ता हावी हो चुकी है। शिक्षकों को अपने जिम्मेदारी का अहसास होना आवश्यक है।
संस्था से जुडऩे का किया गया आव्हान
गोष्ठी के दौरान उपस्थित जनों ने अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन से जुडऩे का आव्हान किया। श्री सुरजन ने कहा कि यह संस्था गांधी जी के विचार व उद्देश्यों की विनिमय की संस्था है। यह निस्वार्थ भाव से सेवा कार्यो की संस्था है। इसलिए समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए संस्था से जुडऩे की सभी ने अपील की। इस दौरान बताया कि सिहावा विधायक डा. लक्ष्मी ध्रुव ने एप्सो संस्था की सदस्यता ग्रहण की है।
3 से 5 जनवरी को रायपुर में होगा राष्ट्रीय सम्मेलन
मुख्य अतिथि ललित सुरजन ने गोष्ठी के दौरान बताया कि 3, 4, व 5 जनवरी को एप्सो का राष्ट्रीय सम्मेलन रायपुर में आयोजित होगा। जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उपस्थित रहेंगे। संस्था 1948 से स्थापित है। इसका देश दुनिया में शांति के लिए अलग नाम है।

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