रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन ने महिलाओं, गरीबों और मध्य वर्ग के लोगों को जमीन जायदाद की रजिस्ट्री कराने में कई रियायतें दी हैं। राज्य शासन के पंजीयन और मुद्रांक विभाग ने जमीन के छोटे भूखण्ड के स्वामियों को पंजीयन कराने में सुविधा देने पांच डिस्मल तक के भूखण्डों तक के भूखण्डों की रजिस्ट्री, क्रय-विक्रय पर लगी रोक को हटाया गया है।
बाजार मूल्य की गाईडलाईन दरों में 30 प्रतिशत की कमी की है। आवासीय भवनों की खरीदी पर पंजीयन शुल्क में रियायत दी गई है। महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से महिलाओं के पक्ष में सम्पत्ति का अंतरण होने की स्थिति में स्टाम्प शुल्क में एक प्रतिशत की रियायत दी जा रही है। इन रियायतों के साथ लोग काफी तादाद में दस्तावेजों की रजिस्ट्री करा रहे हैं। जिससे शासन को भी राजस्व प्राप्त हो रहा है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में कोविड- 19 के कारण पंजीयन कार्य प्रभावित होने के बावजूद अप्रैल-2020 से दिसंबर-2020 तक पंजीबद्ध 154379 दस्तावेजों से रूपए 902 करोड़ का राजस्व अर्जन हुआ है। राज्य शासन की मंशा अनुसार पंजीयन विभाग ने छोटे और अन्य भूखण्डों के पंजीयन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया। ई-पंजीयन साफ्टवेयर में छोटे भू-खण्डों के पंजीयन का प्रावधान जनवरी-2019 में किया गया, इससे पक्षकारों को छोटे भूखण्डों के क्रय-विक्रय में आसानी हुई है। एक-जनवरी, 2019 से 31-दिसंबर, 2020 तक की अवधि में कुल 1.64,713 छोटे भूखण्डों की रजिस्ट्री प्रदेश में हुई है। इस वर्ष में 1 अप्रैल,2020 से 31 दिसंबर, 2020 तक की अवधि में कुल 59,713 छोटे भूखण्डों से संबंधित दस्तावेजों का पंजीयन हुआ है।
शासन जनहित में निर्णय लिया जाकर, दस्तावेजों के बाजार मूल्य निर्धारण करने वाली गाईडलाईन की दरों में एकसमान 30 प्रतिशत की कमी गत वित्तीय वर्ष के लिए की गई थी। आम जनता के हित को ध्यान में रखते हुए उक्त 30 प्रतिशत की कमी को वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में यथावत रखा गया है। आवासीय भवनों के क्रय पर पंजीयन शुल्क की रियायत शासन के अधिसूचना कर से, गत वित्तीय वर्ष के लिए, रूपए 75 लाख कीमत तक के मकान और भवन के विकय संबंधी विलेखों पर प्रभार्य होने वाले पंजीयन शुल्क की दर में 2 प्रतिशत की कमी प्रदान की गई थी। वर्तमान आर्थिक परिवेश में मध्यमवर्ग के हित को ध्यान में रखते हुए, उक्त रियायत को इस वित्तीय वर्ष के लिए यथावत रखा गया है।
महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से महिलाओं के पक्ष में संपत्ति का अंतरण होने की स्थिति में स्टाम्प शुल्क में एक प्रतिशत की रियायत का प्रावधान है। इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल-2020 से दिसंबर 2020 तक महिलाओं के पक्ष में निष्पादित 44,885 पंजीयन विलेखों में उक्त रियायत के फलस्वरूप 30 करोड़ रूपए की छूट का लाभ दिया जा चुका है।
दस्तावेजों के पंजीयन को और सुविधाजनक बनाने बी.ओ.टी. पद्धति से संचालित ई-पंजीयन प्रणाली के स्थान पर एन.आई.सी. पुणे के निर्मित एन.जी.डी.आर. एस. सापटवेयर को लागू करने का निर्णय लिया। उप पंजीयक कार्यालय धमतरी, अभनपुर, महासमुंद में क्रमश: 15,17 और 21 दिसंबर 2020 से पायलट रन प्रारंभ किया गया है। सफल पायलट रन उपरान्त राज्य के शेष पंजीयन कार्यालयों में एन. जी.डी.आर.एस. साफ्टवेयर को लागू किया जाएगा।