आधार अधिनियम की संवैधानिक वैधता बरकरार, पुनर्विचार याचिका खारिज

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आधार कानून को वैध और संवैधानिक घोषित किये जाने संबंधी-2018 के अपने निर्णय की समीक्षा करने से इंकार कर दिया है। शीर्ष न्यायालय ने इस बारे में जारी याचिकाएं नामंजूर कर दीं। न्यायालय की पांच सदस्यों की पीठ ने एक के मुकाबले चार के बहुमत से याचिकाएं खारिज कीं। इस बारे में जारी पुनर्विचार याचिकाओं पर न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण, एस अब्दुल नज़ीर और बी आर गवई की पीठ ने 11 जनवरी को अपने चैम्बर में विचार किया था। अदालत का आदेश कल वेबसाइट पर अपलोड किया गया। चार न्यायाधीशों ने याचिका को खारिज करने के पक्ष में विचार व्यक्त किया जबकि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने इस पर असहमति व्यक्त की। उनका कहना था कि वित्त विधेयक के रूप में आधार विधेयक की वैधता प्रमाणन मुद्दे पर बड़ी संविधान पीठ का फैसला आने तक याचिकाओं को लम्बित रखा जाए। लेकिन चार न्यायाधीशों ने बहुमत के आधार पर 2018 के अपने निर्णय पर पुनर्विचार से इंकार कर दिया।

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