रायपुर। कैट के प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष ने बताया कि ई-कॉमर्स दिग्गजों और भारत के व्यापारियों के बीच चल रहे सिद्धान्तों की लड़ाई के बीच एक महत्वपूर्ण विकास सामने आया है। एफडीआई नीति और विदेशी व्यापार प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा) के व्यापक उल्लंघन के लिए कैट से की गई विभिन्न शिकायतों का कड़ा संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय और भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश दिया है। वह अमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले फ्लिपकार्ट के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करे।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि हाल ही में अमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले फ्लिपकार्ट, के खिलाफ में कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को शिकायत की है। शिकायतों पर वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवद्र्धन विभाग ने 22 दिसंबर 2012 को जारी अपने पत्र सं 5/2/2019-ई-कॉमर्स (पार्ट- प्) के तहत, भारत के प्रवर्तन निदेशालय और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों को अमेजॅन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है।
श्री पारवानी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय और भारतीय रिजर्व बैंक को दिए अपनी शिकायत में संचार में, डीपीआईआईटी ने कैट की चार शिकायतें अग्रेषित की हैं। जिनमें फ्लिपकार्ट और आदित्य बिड़ला समूह के बीच हुए करार में एफडीआई नीति का उल्लंघन, विनिर्माण में विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियों ने मल्टी ब्रांड रिटेलिंग में एफडीआई नीति का उल्लंघन, अमेजॅन और फ्लिपकार्ट ने फेमा और एफडीआई नीति का उल्लंघन और खामियों का शोषण शामिल है।
श्री पारवानी ने कहा कि कैट के तत्वावधान में देश भर के व्यापारी वर्ष 2021 को ष्भारतीय व्यापार सम्मान वर्षष् के रूप में मनाएंगे। भारत के ई-कॉमर्स परिदृश्य को साफ करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे और जोड़-तोड़, दुव्र्यवहार और शोषण का युग अब खत्म होगा। कैट ने देश भर के व्यापारियों को डिजिटल वाणिज्य और डिजिटल भुगतान के लिए बढ़ावा दिया जाएगा। जिससे देश मे ऑनलाइन व्यापार का विस्तार संभव हो सकेगा।