126 साल के इतिहास में पहली बार बाटा ने किसी भारतीय को बनाया ग्लोबल सीईओ
नई दिल्ली। चेक गणराज्य की फुटवियर दिग्गज कंपनी बाटा शू ऑर्गनाइजेशन ने अपने भारत के सीईओ संदीप कटारिया को 30 नवंबर को ग्लोबल लेवल पर सीईओ के पद नियुक्त करने की घोषणा की है। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि बाटा में ग्लोबल रोल पर काम करने वाले कटारिया पहले भारतीय हैं। वो एलेक्सिस नसार्ड (Alexis Nasard) की जगह लेंगे। नसार्ड 5 साल तक अपने पद काम करने के बाद छोड़ रहे हैं। बता दें कि कटारिया साल 2017 में बाटा इंडिया के सीईओ के रूप में कंपनी से जुड़े थे। कटारिया को तुरंत प्रभाव से बाटा का ग्लोबल सीईओ बनाया गया है।
कौन हैं संदीप कटारिया
आईआईटी-दिल्ली से इंजीनियरिंग करने वाले कटारिया XLRI से 1993 पीजीडीबीएम बैच के गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उन्हें 24 साल का वर्क एक्सपीरियंस है। वह भारत और यूरोप में यूनिलीवर, Yum Brands और वोडाफोन में काम कर चुके हैं। कटारिया 17 साल तक कंज्यूमर गुड्स कंपनी यूनिलीवर में रहे। बाटा इंडिया में आने से पहले वह वोडाफोन इंडिया में चीफ कमर्शियल ऑफिसर थे।
जुलाई 2017 में संदीप बाटा इंडिया से जुड़े और दो साल बाद इंडिया रीजन के प्रेजिडेंट बनाए गए। कटारिया की लीडरशिप में बाटा इंडिया का मुनाफा डबल हो गया। टॉपलाइन ग्रोथ भी डबल डिजिट में रही। उन्होंने बाटा को नए कलेवर और फ्लेवर में पेश करके युवाओं को अपनी तरफ खींचा। 2019-20 में बाटा इंडिया का नेट प्रॉफिट 327 करोड़ रुपये और रेवेन्यू 3053 करोड़ रुपये रहा।
आजादी से पहले खुला था भारत में पहला कारखाना
भारत में लंबे समय से जूते बनाने वाली कंपनी बाटा किंग बनी हुई है। वैसे तो कहने को तो बाटा अन्तर्रष्ट्रीय कंपनी है, लेकिन इसका दिल है पूरा हिंदुस्तानी। आज से करीब 90 साल पहले देश में इस ब्रांड ने कदम रखा। बाटा ने पहली फैक्ट्री पश्चिम बंगाल के कोन्नागर में खोली थी, जो बाद में बाटागंज शिफ्ट हो गई। बाटागंज बिहार के बाद फरीदाबाद (हरियाणा), पिनया (कर्नाटक) और होसुर (तमिलनाडु) समेत पांच फैक्टरियां शुरू हुईं। इन सभी जगहों पर चमड़ा, रबर, कैनवास और पीवीसी से सस्ते, आरामदायक और मजबूत जूते बनाए जाते हैं। भारत में बाटा ऐसा शू ब्रांड है, जिसका अपना लॉयल मध्यमवर्गीय ग्राहक समुदाय है।