नई दिल्ली। दिल्ली में अगले कुछ माह में चुनाव होने हैं। लेकिन इससे पहले सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिली है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों के कथित रूप से लाभ के पद पर रहने को लेकर उन्हें अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली एक याचिका खारिज कर दी है। इसे आप के लिए राहत माना जा रहा है। चुनाव आयोग ने कहा कि राष्ट्रपति का 28 अक्टूबर का फैसला उसके (आयोग) द्वारा दी गयी राय पर आधारित है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “सत्यमेव जयते। आखिरकार, सत्य की जीत हुई।”
मार्च, 2017 में विवेक गर्ग नामक एक व्यक्ति ने राष्ट्रपति के समक्ष याचिका देकर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत समेत आप के 11 विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराने की मांग की थी। यह मुद्दा चुनाव आयोग के पास भेजा गया।
कानून के मुताबिक राष्ट्रपति लाभ के पद के मामलों में चुनाव आयोग की राय स्वीकार करते हैं। आयोग ने कहा कि दिल्ली विधानसभा सदस्य (अयोग्य पाये जाने पर सदस्यता से वंचित) अधिनियम, 1997 दिल्ली सरकार द्वारा गठित सांविधिक या गैर सांविधिक निकाय के अध्यक्ष, निदेशक या सदस्य के पद को छूट प्रदान करता है बशर्ते उक्त अध्यक्ष, निदेशक या सदस्य किसी पारिश्रमिक का हकदार न हो।