नई दिल्ली। राफेल विमानों का दूसरा जत्था फ्रांस से नॉन-स्टॉप उड़ान भरने के बाद बुधवार रात 8:14 बजे भारत पहुंचा। 3 नए विमान फ्रांस के इस्ट्रेस से गुजरात के जामनगर पहुंचे। इस यात्रा के दौरान फ्रेंच एयर फोर्स का मिड एयर रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट साथ था। इस यात्रा के लिए भारतीय वायु सेना के पायलटों को फ्रांस के सेंट दिजिएर एयरबेस में ट्रेनिंग दी गई।
इन तीन नए विमानों के आने के बाद भारत के पास कुल 8 राफेल विमान हो गए हैं। इससे पहले 29 जुलाई को पांच राफेल विमान आए थे। इन्हें 10 सितंबर को अंबाला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गोल्डन एरोज स्क्वॉड्रन
में शामिल किया गया था।
फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन से तीन और राफेल फाइटर जेट बुधवार सुबह भारत आने के लिए उड़े। इस बार तीनों विमान सीधे 8500 किमी. की दूरी नॉनस्टॉप पूरी करके गुजरात के जामनगर एयरफोर्स स्टेशन पर उतरे। रात भर यहां ठहरने के बाद गुरुवार को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में बनाई गई गोल्डन एरोज स्क्वाड्रन में पहुंचे।
राफेल का दूसरा बैच भारत लाने के लिए वायुसेना की एक टीम असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (प्रोजेक्ट्स) एयर वाइस मार्शल एन. तिवारी की अगुआई में करीब 15 दिन पहले फ्रांस भेजी गई थी। विशेषज्ञों की इस टीम में पायलटों और तकनीशियनों के अलावा सहायक कर्मचारी भी हैं। इस टीम ने इतने दिनों में वहां राफेल लड़ाकू विमानों की दूसरी खेप को भारत लाने की तैयारियों, उन पर जरूरी युद्धक साजों-सामान लगाने और चुनिंदा पायलटों की ट्रेनिंग की समीक्षा करने के साथ ही लॉजिस्टिक मुद्दों की देखरेख की।