नई दिल्ली। एयर इंडिया में विनिवेश को देख रहे मंत्रियों के शीर्ष समूह की आज यानि शनिवार को बैठक होने की संभावना है, जिसमें कर्ज के रिस्ट्रक्चर के साथ प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। ये मुख्य निर्णय ऐसे समय में आ सकते हैं जब विनिवेश की 31 अक्टूबर 2020 की समय सीमा तेजी से खत्म होने के करीब है। गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एआईएसएएम (एयर इंडिया स्पेसिफिक ऑल्टरनेटिव मैकेनिज्म) की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शनिवार को आयोजित की जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य इसमें भाग लेंगे। सूत्रों के अनुसार, दिसंबर तक प्रारंभिक बोली या एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट
(ईओआई) जमा करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। एक महत्वपूर्ण बदलाव जो एआईएसएएम की मंजूरी के लिए रखा जा सकता है, वह सौदे के वित्तीय ढांचे के संबंध में होगा, जिसमें बदलाव हो सकता है, विशेष रूप से एयरलाइन के कर्ज के संबंध में। एयर इंडिया 2007 के बाद से सरकारी स्वामित्व वाली घरेलू ऑपरेटर इंडियन एयरलाइंस लिमिटेड के साथ विलय के बाद से घाटे में चल रही है, तब से केंद्रीय संसाधनों पर दबाव डालते हुए सरकारी बजटीय सहायता पर उड़ान भर रही है।
सरकार 15 दिसंबर तक बढ़ा सकती है एयर इंडिया की बोली की तारीख
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार संभावित बोलीदाताओं को आकर्षित करने के लिए एयर इंडिया के परिसंपत्ति मूल्यांकन नियमों को आसान बनाते हुए बोलीदाताओं को उद्यम मूल्य के आधार पर पेशकश करने की इजाजात देगी। एक सूत्र ने यह जानकारी साझी की है। इस क्रम में सरकार घाटे में चल रही इस सार्वजनिक विमानन कंपनी के लिए आरंभिक अभिरुचि पत्र दाखिल करने की तारीख को 15 दिसंबर तक बढ़ा सकती है। सूत्र ने कहा कि उद्यम मूल्य के आधार पर बोली आमंत्रित की जाएगी, जो अधिग्रहण सौदों के लिए एक लोकप्रिय मूल्यांकन पद्धति है। उद्यम मूल्य (ईवी) कंपनी की कुल कीमत का मूल्यांकन करने का तरीका है, जिसका इस्तेमाल अक्सर इक्विटी बाजार पूंजीकरण के अधिक व्यापक विकल्प के रूप में किया जाता है।
ईवी की गणना में कंपनी का बाजार पूंजीकरण शामिल होता है, लेकिन साथ ही इसमें छोटी या लंबी अवधि के किसी ऋण के साथ ही कंपनी के बहीखातों में नकदी को भी शामिल किया जाता है। सूत्रों ने कहा कि सरकार प्रारंभिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) से बोलीदाता द्वारा एक निश्चत ऋण राशि का दायित्व लेन करने की शर्त को हटा देगी।