हनीमून पैकेज बना आफत, नवविवाहित दंपत्ति कतर जेल में काट रहे हैं 10 की सजा…

नई दिल्ली। कतर के दोहा में ड्रग डिलीवरी के जुर्म में सजा काट रहे निर्दोष पति पत्नी को कतर जेल से छुड़ाने के लिए नारकोटिक्स विभाग की एक टीम कैंपेन चला रही है और उम्मीद है कि बेगुनाह दंपति को जल्द भारत लाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, दंपति साल 2019 में हनीमून के लिए कतर गया था। वहां एयरपोर्ट पर चेकिंग के दौरान उनके एक बैग से 4 किलो से ज्यादा चरस बरामद किया गया, जिसके बाद कतर कोर्ट ने दोनों पति पत्नी को 10 साल की सजा सुना दी।
ओनिबा कुरेशी नाम की एक मुंबई की लड़की की शादी शरीक कुरैशी से तय हुई। शरीक भी मुंबई का रहने वाला है। शादी के बाद शरीक की एक सगी आंटी तबस्सुम उन्हें कतर घूमने का हनीमून पैकेज देती है लेकिन शरीक मना करता है लेकिन काफी कहने पर घरवालों के दबाव में पति पत्नी चले जाते है। पहले दंपति बैंगलोर जाता है वहां होटल में इन्हें एक बैग दिया जाता है। शरीक जब काफी पूछता है कि गोल्ड या कोई गलत चीज तो नहीं है इस पर उसकी आंटी तबस्सुम कहती है माणिकचंद का जर्दा है और कुछ नहीं।
6 जुलाई 2019 को कतर एयरपोर्ट पर दोनों को रोका जाता है और तलाशी ली जाती है। तब एक बैग, जो कि आंटी तबस्सुम ने दिया होता है, उसमें से 4 किलो से ज्यादा चरस निकलता है, वो कहते है आंटी का है पर इन्हें दोहा पुलिस गिरफ्तार कर लेती है। दोनों के पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते है। हनीमून के लिए घूमने गए पति पत्नी अपनी सगी आंटी की साजिश का शिकार होकर नारकोटिक्स केस में 10 साल के लिए कैदी बन जाते है।
27 सितंबर 2019 को ओनिबा के पिता शकील अहमद कुरैशी इस मामले को लेकर नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के डायरेक्टर राकेश अस्थाना से मिलते हैं और एक शिकायत देते हैं कि उनकी बेटी और दामाद बेगुनाह और एक महिला तबस्सुम जो शरीक की आंटी है, उन्होंने ड्रग ट्रैफिकिंग केस में उन्हें फंसा दिया है जिसकी वजह से कतर के दोहा में दोनों को 10 साल की सजा सुनाई गई है। शिकायत में कहा जाता है कि तबस्सुम और उसका एक साथी निजाम कारा हनीमून पैकेज की आड़ में कतर भेजते है और साथ में एक बैग ले जाने के लिए कहते हैं जिसमे माणिकचंद का जर्दा है, ओबिना के पिता एनसीबी को शिकायत के साथ ऑडियो फाइल भी देते है जो कतर जाने से पहले की तबस्सुम और इनके दामाद शरीक के बीच की होती है।
एनसीबी की तरफ से एक डिटेल्ड जांच कराई जाती है जिसमें पता चलता है निजाम कारा, तबस्सुम और इनके कुछ साथी मिलकर एक ऑर्गेनाइज्ड ड्रग ट्रैफिकिंग सिंडिकेट चला रहे है। इसके बाद इन तीनो पर एनसीबी पैनी नजर रखना शुरू करता है। नम्वबर 2019 में एनसीबी के डायरेक्टर राकेश अस्थाना एनसीबी डिप्टी डायरेक्टर ऑपरेशन केपीएस मल्होत्रा को कहते हैं अगर ये पति पत्नी निर्दोष है तो इन्हें कतर से हिंदुस्तान लाना तुम्हारी जिम्मेदारी है पूरी जांच करो और इंसाफ दिलाओ।
22 दिसम्बर 2019 को मुंबई पुलिस नागपाड़ा पुलिस स्टेशन में एक केस दर्ज करती है और निजाम कारा और तबस्सुम को 13 ग्राम कोकिन के साथ गिरफ्तार करती है। इसी दौरान 26 फरवरी 2020 को नारकोटिक्स ब्यूरो इनपुट्स के आधार पर 1 किलो 474 चरस का एक कन्साइन्टमेंट चंडीगढ़ से पकड़ती है और इस सिंडिगेट के मेम्बर वेद राम, माहेश्वर, शाहनवाज गुलाम और शबाना को एनसीबी की चंडीगढ़ यूनिट गिरफ्तार करती है। जांच में पता चलता है कि चरस की खेप निजाम कारा और उसकी पत्नी शहीदा कारा मंगाते हैं जिसे शाहनवाज गुलाम और शबाना के जरिए भेजा जाता है। इस खेप के लिए सभी फाइनेंशियल अरेंजमेंट्स शाहिदा कारा के जरिए किए जाते है जिसको डायरेक्शन निजाम कारा करता है।
एनसीबी तमाम डिप्लोमेटिक लेवल, एमईए, विदेश मंत्रालय के जरिए कोशिश कर रही है कि जल्द मोहम्मद शरीक उनकी पत्नी ओनिबा को कतर की दोहा जेल से रिहा कर हिंदुस्तान लाया जाए और आरोपियों को जेल भेजा जाएं। एनसीबी डायरेक्टर राकेश अस्थाना के कहने पर केपीएस मल्होत्रा इस पूरे केस की डिटेल्ड जांच करते हैं। सूत्रों का कहना है डिप्लोमेटिक लेवल पर बात होने के बाद केपीएस मल्होत्रा जल्द कतर जाएंगे और दोहा जेल से इन बेकसूर पति पत्नी को छुड़ाकर भारत वापस लाएंगे।

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