रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संबंध में दिये गये बयान की कांग्रेस ने निंदा किया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि सत्ता हाथ से जाने के बाद लगता है कि रमन सिंह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे है। रमन सिंह जैसा नेता जो तीन बार मुख्यमंत्री रहे है वे राजनैतिक विरोध की भाषा की मर्यादा भूल बैठे है। रमन सिंह ने मुख्यमंत्री के लिये रावण की संज्ञा देकर छत्तीसगढ़ की पौने तीन करोड़ जनसंख्या का अपमान किया है।
रावण राक्षसों का शासक था। भूपेश बघेल को अपना शासक छत्तीसगढ़ की जनता ने तीन चौथाई बहुमत के साथ चुना है। रमन सिंह ने राज्य के मतदाताओं, नागरिकों, गरीबों, किसानों सभी का अपमान किया है। रमन सिंह छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगे। रमन सिंह को राम राज और रावण राज का बुनियादी फर्क ही नहीं मालूम है। रावण राज में महिला उत्पीड़न और भ्रष्टाचार का बोलबाला था, जो छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक रमन राज में दिखा था। जिसके राज में सरकारी कन्या आश्रमों में 6 से 14 साल की मासूम बच्चियों के साथ महिनों दुराचार की घटनायें होती रही हो, जिनके राज में 15 साल तक छत्तीसगढ़ में महिलाओं के साथ हर दिन तीन दुराचार की घटनायें होती रही हो, जिनके राज में चंद पैसों के लिये महिलाओं के गर्भाशय निकाल लिये जाते हो, जिनके राज में नसबंदी जैसे सामान्य ऑपरेशन के कारण 17 माताओं की जाने चली गयी हो, जिनके राज में छत्तीसगढ़ की 27,000 से अधिक बेटियां लापता हो गयी हो, ऐसा राज चला चुके रमन सिंह के लिये रावण आदर्श किरदार ही होगा।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 22 महिनों से श्री राम के आदर्शों का राज चल रहा किसान कर्जा मुक्त हो गये, किसानों को उनकी उपज की भरपूर कीमत 2500 रू. मिल रही है। आम आदमी के बिजली के दाम आधे हो गये, गरीब, आम आदमी खुश है। युवाओं को सरकारी नौकरी के द्वार खोले गये है। आम आदमी का सशक्तिकरण हो रहा, राज्य से बेरोजगारी घट रही व्यापार फल फूल रहा, कोरोना जैसी महामारी में भी जनता की सेवा सरकार का मूल ध्येय है। राम राज का मूलमंत्र यही तो था “ सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय “ कांग्रेस की सरकार हर वर्ग के लिए काम कर रही जो रमन सिंह को नही भा रहा है।