रायपुर। चैंबर ऑफ काॅमर्स कार्यकारिणी की रविवार को होने वाली बैठक में चुनाव का ऐलान करने के साथ चुनाव अधिकारी भी तय कर दिया जाएगा। चैंबर के संविधान के मुताबिक चुनाव अधिकारी तय होने के बाद तीन माह के अंदर चुनाव कराने जरूरी होते हैं। अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा का कहना है, उनका कार्यकाल 19 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इसके बाद हर हाल में 19 जनवरी से पहले चुनाव करा लिए जाएंगे। चैंबर ऑफ कॉमर्स चुनाव के ऐलान से पहले ही इसको लेकर जंग की तैयारी हो गई है। एक तरफ जहां वर्तमान अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा ने अगला चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया है, वहीं एक पूर्व अध्यक्ष और कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने अभी से अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोंक दी है। व्यापारी एकता पैनल के अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने भी साफ कर दिया है कि वे श्री पारवानी का समर्थन न करके उनके खिलाफ दमदार प्रत्याशी खड़ा करेंगे।
तीन हजार नए सदस्य
जितेंद्र बरलोटा ने बताया, उनकी कार्यकारिणी के कार्यकाल में करीब तीन हजार नए सदस्य बने हैं। पहले 14 हजार सदस्य थे, जो अब 17 हजार के करीब हो गए हैं। उन्होंने बताया अंतिम कार्यकारिणी की बैठक में जो भी नए सदस्य बनेंगे, उनको मतदान का अधिकार नहीं रहेगा। अगर चुनाव तीन माह के अंदर होंगे तो। चुनाव से छह माह पहले जो भी सदस्य बने हैं, उनको मतदान का अधिकार रहेगा।
कोरोना के कारण नहीं हो सकी बैठक
चैंबर ऑफ काॅमर्स से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है, चुनाव का ऐलान होने के बाद हर हाल में तीन माह के अंदर चुनाव कराना होता है। वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 19 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। कायदे से इसके तीन माह पहले ही चुनाव का ऐलान कर दिया जाना था, लेकिन अब तक चुनाव का ऐलान नहीं किया गया है। अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा का कहना है, कोरोना के चलते कार्यकारिणी की बैठक नहीं हो सकी, जिसके कारण चुनाव का ऐलान नहीं हो सका है, लेकिन अब 18 अक्टूबर को बैठक बुलाई गई है। इसमें चुनाव का ऐलान करने के साथ चुनाव अधिकारी भी तय कर देंगे। हमारी कार्यकारिणी का कार्यकाल 19 दिसंबर को समाप्त होगा, इसी के साथ चुनाव अधिकारी तय हुए भी दो माह हो जाएंगे। इसके बाद 19 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच कभी भी चुनाव हो सकते हैं। यह चुनाव अधिकारी तय करेंगे कि चुनाव कब होंगे। उन्होंने कहा, अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद भी वे चुनाव होने तक प्रभारी पद पर बने रहेंगे। उन्होंने 19 दिसंबर के बाद काम न करने की चर्चाओं को गलत बताया है।