जांच में पेश न होने की अमन सिंह की अर्जी को हाई कोर्ट ने किया खारिज

19 को है अगली सुनवाई
रायपुर।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह की एक अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है जिसके बाद अब उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार की जांच में प्रस्तुत होना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जज, गौतम भादुड़ी ने कल दिए एक आदेश में अमन सिंह की यह अर्जी खारिज कर दी कि उन्हें राज्य सरकार द्वारा धारा 91 और 160 के तहत जारी किए गए नोटिस पर रोक लगाई जाए। उनकी तरफ से वकीलों ने अदालत में कहा कि 21 सितंबर का जांच का नोटिस और व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के जांच एजेंसी के निर्देश पर रोक लगाई जाए।
इस पर सरकारी वकील का कहना था कि इसके पहले भी अमन सिंह की ओर से राहत के लिए अपील की गई थी जिस पर अदालत ने इतना ही आदेश दिया था कि कोई कोअर्सिव कार्रवाई न की जाए। उन्होंने अदालत को बताया कि पहले की अपील पर भी अदालत ने जांच स्थगित नहीं की थी, और अब अगर जांच के नोटिस पर पेश होने पर स्थगन दिया जाता है तो यह जांच स्थगित करने जैसा ही होगा।
अमन सिंह के वकीलों की ओर से कहा गया कि यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया जाए अन्यथा राज्य शासन चार्जशीट फाईल कर सकता है।
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर कहा कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता को जांच के लिए उपस्थित होने का नोटिस तामील हो चुका है। और यह भी स्पष्ट है कि पहले अदालत की ओर से जांच पर स्थगन नहीं लगा है। पहले केस सुना गया था, लेकिन उस पर आगे सुनवाई नहीं हो पाई है। अब अगर राज्य शासन द्वारा 5 अक्टूबर को तामील किया गया नोटिस अदालत से रोका जाता है तो इसका मतलब जांच स्थगित करना होगा जो कि इसके पहले के अदालती-आदेशों में नहीं था। इसके पहले अमन सिंह के पक्ष में उनकी सुरक्षा के लिए जो आदेश दिया गया था कि कोई कोअर्विस एक्शन न ली जाए वह अभी भी लागू है, और वह अगली सुनवाई तक लागू रहेगा। इस तरह यह आवेदन खारिज किया जा रहा है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 अक्टूबर की तारीख तय की है। अदालत के बाहर यह पता लगा है कि अमन सिंह को इस जांच के लिए 23 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा गया था।

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