वॉशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने भारत-चीन तनाव पर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। पोंपेयो ने कहा है कि चीन लगातार भारत से लगे बॉर्डर पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाता जा रहा है। पोंपेयो ने कहा है कि अमेरिका को भी इस समय भारत की बहुत जरूरत है क्योंकि जिस तरह से चीन आक्रामक हो रहा है, उससे अमेरिका भी हो सकता है बच न पाए। शुक्रवार को पोंपेयो ने इस बयान के साथ ही कहा कि चीन के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका साथ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन के खिलाफ अब हवाओं का रुख बदलने लगा है।
जल्द भारत आने वाले हैं पोंपेयो
माइक पोंपेयो जल्द ही 2प्लस2 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत आने वाले हैं। उन्होंने लैरी ओ कॉनेर को रेडियो शो के लिए दिए इंटरव्यू में भारत और अमेरिका के बीच करीबी संबंधों की अपील की है। पोंपेयो ने कहा, उन्हें (भारत) इस समय निश्चित तौर पर अमेरिका की जरूरत है और इस लड़ाई में हमारा साथ चाहिए।
पोंपेयो ने यह बात हाल ही में जापान की राजधानी टोक्यो में हुए क्वाड सम्मेलन से इतर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हुई मीटिंग पर टिप्पणी करते हुए कही। पोंपेयो ने कहा, चीन ने अब भारत के उत्तर में भारी तादाद में अपने जवानों को भेजना शुरू कर दिया है। दुनिया अब जाग गई है और रूख बदलने लगा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अब वह गठबंधन तैयार हो चुका है जो इस खतरे को दूर कर देगा।
अगले हफ्ते होंगी हाई-प्रोफाइल मीटिंग
पोंपेयो के साथ अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर भी अपने भारतीय समकक्ष राजनाथ सिंह से मीटिंग के लिए भारत आने वाले हैं। इसके अलावा उप विदेश मंत्री स्टीफन बाइगन भी अगले हफ्ते से अपना भारत दौरा शुरू करने वाले हैं। भारत और चीन के बीच पांच मई से ही लद्दाख में टकराव जारी है। 20 जून को यह टकराव उस समय हिंसक हो गया जब इंडियन आर्मी और पीएलए के जवान गलवान घाटी में भिड़ गए थे। इस हिंसा में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। चीन को भी बड़ा नुकसान हुआ था लेकिन चीन ने अपने उन जवानों की संख्या के बारे में आज नहीं बताया जो इस हिंसा में मारे गए थे। भारत ने इसके बाद कई चीनी एप्स जिसमें टिकटॉक भी शामिल है, उसे बैन कर दिया था। 12 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच सांतवें दौर की कोर कमांडर वार्ता होनी है।