निर्मला सीतारमण ने लॉन्च की डोरस्टेप बैंकिंग सेवा, जाने इसके फायदे

नई दिल्ली। देश में बैंकिंग सेक्टर में लगातार सुधार हो रहे हैं। बैंकों तक देश के हर आदमी की पहुंच हो, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में अब सरकारी बैंकों की डोरस्टेप बैंकिंग सेवा शुरू की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों के डोरस्टेप बैंकिंग सेवा बैंकिंग सेवा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लांच किया। सरकारी बैंकों द्वारा बैंकिंग सेवा को ग्राहकों के घर तक पहुंचाया जाएगा। देश में 100 सेंटर्स पर तैनात किए गए डोरस्टेप बैंकिंग एजेंट के जरिये ये बैंकिंग सेवा उपलब्ध कराया जाएगा।
डोरस्टेप बैंकिंग सेवा बैंकिंग सर्विसेज का मकसद ग्राहको के घर तक बैंकिंग सेवा को पहुंचाना है। कॉल सेंटर के यूनिवर्सल टच पॉइंट, वेब पोर्टल या मोबाइल एप के जरिये ग्राहकों को ये सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन्हीं चैनल के जरिये ग्राहक अपने सर्विस रिक्वेस्ट को ट्रैक भी कर सकेंगे।
अक्टूबर 2020 से नॉन फाइनांशियल सर्विसेज मसलन चेक/डिमांड ड्राफ्ट/ पे आर्ड, नया चेक बुक का रिक्विजिशन स्लिप, आईटी/ जीएसटी चालान, 15G / 15H फॉर्म का पिकअप, एकाउंट स्टेटमेंट के लिए रिक्वेस्ट जैसी सुविधा उपलब्ध होगी। मइसके अलावा नॉन पर्सनलाइज्ड चेक बुक, डिमांड ड्राफ्ट, पे आर्डर, टर्म डिपाजिट रिसीट, टीडीएस, फॉर्म 16 सर्टिफिकेट और प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट और गिफ्ट कार्ड की डिलीवरी की जाएगी।
इस सेवा का दिव्यांग और सीनियर सिटीजन को फायदा होगा। डोरस्टेप बैंकिंग सेवा के लिए ग्राहकों को मामूली फीस चुकाना होगा। आरबीआई ने कई वर्ष पहले doorstep बैंकिंग सेवा का सुझाव दिया था। लेकिन अब जाकर सभी सरकारी बैंकों ने इस सेवा को प्रदान करने के लिए कॉमन सर्विस प्रोवाइडर चुना है। बैंकिंग सचिव देबाशीष पांडा और एसबीआई चेयरमैन रजनीश कुमार भी वर्चुअल इवेंट में मौजूद थे।

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