नई दिल्ली। रेलवे में अफसर अब अपने बंगले पर अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं रख सकेंगे। रेलवे बोर्ड ने नई तैनाती पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही एक जुलाई के बाद की तैनाती की समीक्षा के लिए दिशा निर्देश जारी कर दए हैं।
यह घोषणा रेलवे बोर्ड द्वारा गुरुवार को ब्रिटिश-युग की विरासत की समीक्षा के बाद एक आदेश में की गई। चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति से संबंधित मुद्दा रेलवे बोर्ड की समीक्षा के अधीन है. इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि चतुर्थ श्रेणी के रूप में नए चेहरे के किसी भी विकल्प को तत्काल प्रभाव से नहीं बनाया जाना चाहिए।
00 बंगले पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रखने का था अधिकार
दरअसल, रेलवे में बहुत सारे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को अफसर अपने बंगले पर रख लेते थे। नियमानुसार क्लास वन के रेल अधिकारियों को अपने बंगले पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रखने का अधिकार था। बंगले पर तीन साल तक कार्य करने के बाद तैनाती रेलवे कर्मचारी के रूप में हो जाती थी। रेलकर्मी बनने के बाद अफसर फिर से नई तैनाती कर लेते थे। इससे रेलवे का कामकाज प्रभावित होता था, लेकिन अब चतुर्थ श्रेणी की तैनाती बंगले पर नहीं हो पाएगी।
00 भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा था
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पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के प्रवक्ता एके सिंह का कहना है कि संघ लगातार इस व्यवस्था को समाप्त करने की मांग करता रहा है। यह व्यवस्था पारदर्शी नहीं रह गई थी। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा था। पूर्व में धनउगाही की भी शिकायतें आई थीं।