नई दिल्ली । इस वक्त जम्मू कश्मीर से बड़ी खबर आ रही है। मनोज सिन्हा जम्मू कश्मीर के नए उपराज्यपाल होंगे। उन्हें गिरीश चंद्र मुर्मू के इस्तीफे के बाद जम्मू कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू का इस्तीफा मंजूर कर लिया है, जिसके बाद मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का नया उपराज्यपाल बनाया गया है।
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को गिरीश चंद्र मुर्मू की जगह जम्मू-कश्मीर के नए उपराज्यपाल के रूप में नियुक्त किया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने केंद्र शासित राज्य के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू के इस्तीफे को स्वीकार करने के बाद मनोज सिन्हा को इस पद पर नियुक्त किया है। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन होने के बाद बीते साल 31 अक्टूबर को मुर्मू ने उपराज्यपाल का पद संभाला था।
राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार सिंह द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, मनोज सिन्हा की नियुक्ति उनके कार्यालय के कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से लागू होगी। बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। वह पहले वित्त और गृह मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं। वे रेल राज्य मंत्री के पद पर भी काम कर चुके हैें।
मुर्मू के इस्तीफे से मचा हड़कंप !
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 के हटाए जाने की पहली वर्षगांठ पर बुधवार देर शाम, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मुर्मू के इस्तीफे की खबर से प्रशासन खेमे से लेकर सियासी पार्टियों में ह़़डकंप मंच गया। मुर्मू ने देर रात राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस्तीफा भी सौंप दिया था। वहीं, मुर्मू के इस्तीफे का कारणों का पता नहीं चला, लेकिन अफवाहें हैं कि कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के कामकाज से वह खफा थे। सूत्रों के अनुसार, मुर्मू की केंद्र में किसी बड़े ओहदे पर नियुक्ति हो सकती है।
मुर्मू के इस्तीफे की खबर शाम को सूर्यास्त के साथ ही फैली। इससे पूर्व उन्होंने श्रीनगर में दोपहर से लेकर शाम तक निर्धारित सभी कार्यक्रम रद कर दिए। उन्होंने दिल्ली से आए मीडियाकर्मियों के अलावा अन्य उच्चस्तरीय प्रशासनिक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक को भी रद कर दिया। दोपहर करीब 12 बजे के बाद किसी से कोई भेंट नहीं की। इसके बाद वह जम्मू में ही रहे जहां उन्होंने उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी के साथ मुलाकात करने के अलावा प्रशासनिक परिषद की बैठक में हिस्सा लिया।
मुर्मू के करीबियों की मानें तो वह बीते कुछ दिनों से लगातार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रहे थे। नागरिक सचिवालय और स्थानीय हलकों में जारी चर्चाओं को अगर सही माना जाए तो जम्मू-कश्मीर प्रशासन में कुछ वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ उनकी पटरी नहीं बैठ रही थी। इस मसले पर उन्होंने कथित तौर पर दिल्ली में गृहमंत्री और प्रधानमंत्री से भी चर्चा की थी। जीसी मुर्मू के इस्तीफे की चर्चा कई दिनों से चल रही थी।