नई दिल्ली। भारत में कोरोना महामारी ने रफ्तार पकड़ ली है। दुनिया में सर्वाधिक कोरोना मामले अमेरिका और ब्राजिल में हैं, लेकिन जहां तक इस महामारी के फैलने की रफ्तार है, उसमें भारत इन दोनों देशों के मुकाबले काफी आगे है। भारत में कोरोना कुछ राज्य में काफी तेजी से फैल रहा है। अब तक देश में हर दिन सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली में दर्ज होते थे, लेकिन अब दक्षिण का आंध्र प्रदेश भी जुड़ गया है। पिछले कुछ दिनों से आंध्र प्रदेश में पहले के मुकाबले अधिक मामले सामने आ रहे हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में भी कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश में गुरुवार को कुल 256 कोरोना संक्रमित मिले। इसके साथ ही आज 285 मरीजों के ठीक होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज किया गया। वहीं इलाज के दौरान 1 मरीज की आज भी मौत हुई।
वहीं स्वास्थ्य विभाग से जारी बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़कर 8856 हो गया है, जिसमें 5921 लोग अब तक स्वस्थ होकर अपने घर लौट चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश में 2884 एक्टिव मरीज हैं। वहीं प्रदेश में कोरोना से अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है।
प्रदेश में अब तक 1.30 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं और पिछले कुछ दिनों से राज्य में यहां मामले बढ़े हैं। हालांकि दिल्लीवासियों के लिए अच्छी खबर हैं, जहां कोरोना मामलों में लगातार गिरावट देखने को मिल रहा है।
आज भी सबसे आगे है महाराष्ट्र :
गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था और सिर्फ 6 महीने में यह आंकड़ा अब 16 लाख के पार कर चुका है। देश में अगर हम राज्यवार कोरोना मामलों की बात करें, तो महाराष्ट्र पहले नंबर पर है, लेकिन हम यह महामारी फैलने की रफ्तार की बात करें तो आंध्र प्रदेश में इसकी गति अधिक है।
भारत में अब तक करीब 16.39 लाख कोरोना मामले सामने आए हैं, जिनमें करीब 54 हजार मामले गुरुवार को दर्ज हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक गुरुवार को सबसे ज्यादा 11 हजार कोरोना मामले महाराष्ट्र में दर्ज हुए, जबकि 10 हजार से ज्यादा मामलों के साथ आंध्र प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा। उसी तरह, कर्नाटक में 6 हजार, तमिलनाडु में 5 हजार, उत्तर प्रदेश में करीब 3700 और दिल्ली में करीब 11 मामले सामने आए।
00 पिछले एक महीने में भारी इजाफा :
आंध्र प्रदेश में गत 30 जून को कोरोना के 700 मामले दर्ज हुए थे और उसके ठीक 30 दिन बाद 30 जुलाई को राज्य में एक दिन में 10,600 मामले दर्ज हुए हैं। हालांकि इसकी वजह देश के अन्य राज्यों की तुलना में आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक कोरोना टेस्ट करना बताया जा रही है। राज्यभर में करीब 19 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में कोरोने टेस्टिंग को गति देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने मोबाइल कोरोना टेस्टिंग सुविधा मुहैया कराई है, जिसके तहत हर जिले के लिए 4 बसें आवंटित की गई हैं और इन्हीं बसों में ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं।
30 जून से 30 जुलाई के बीच आंध्र प्रदेश में कोरोना मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है, जबकि महाराष्ट्र में दो गुनी और तमिलनाडु में डेढ़ गुनी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। हालांकि देश के सर्वाधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में भी कोरोना मामलों में 5 गुना बढ़ोतरी दर्ज हुआ है। 30 जून को महाराष्ट्र में जहां 4900 मामले दर्ज हुए थे औ 30 जुलाई को करीब 11 हजार मामले दर्ज हुए हैं। उसी तह, तमिलनाडू में 30 जून को 3900 मामले सामने आए थे जब 30 जुलाई तक बढ़कर 6 हजार तक पहुंच गया है।
उत्तर प्रदेश में तेजी से फैल रहा कोरोना
उत्तर प्रदेश में कोरोना मामलों में तेजी देखने को मिल रही है। राज्य में पिछले एक महीने में कोरोना मामले करीब 5 गुना बढ़े हैं। देश के सबसे बड़े और अत्याधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में गत 30 जून को 664 मामले सामने आए थे, जबकि 30 जुलाई को 3700 कोरोना मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश में वर्तमान में करीब 80 हजार मामले दर्ज हैं और अगले एक सप्ताह के भीतर एक लाख का आंकड़ा पार कर सकता है। बिहार में भी धीरे-धीरे कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी है।