छत्तीसगढ़ में हरेली पर्व से गोधन न्याय योजना का होगा आगाज

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पारम्परिक हरेली पर्व से प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना का प्रदेश व्यापी शुभारंभ होगा। इस योजना के शुभारंभ की तैयारियां पूरी कर ली गई है। हरेली के दिन 20 जुलाई को राज्य के सभी जिलों के गौठानों में कार्यक्रम आयोजित होंगे, जहां मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, मंत्रीगण, संसदीय सचिव, विधायकगण एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में शामिल होकर इस योजना का विधिवत शुरूआत करेंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 20 जुलाई को प्रातः 10 बजे मुख्यमंत्री निवास में हरेली पूजा के साथ गोधन न्याय योजना का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री इसके बाद पूर्वान्ह 11 बजे रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड के आदर्श गौठान बैहार में तथा इसके बाद दुर्ग जिले के पाटन में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेकर गोधन न्याय योजना का शुभारंभ करेंगे। राज्य के सभी जिलों में गोधन न्याय योजना का शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां मंत्रीगण, संसदीय सचिव, विधायकगण एवं अन्य जनप्रतिनिधि भाग लेंगे।

गोधन न्याय योजना ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों को लाभ पहुंचाने की एक अभिनव योजना है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इसकी शुरूआत 20 जुलाई हरेली पर्व से राज्य में की जा रही है। इस योजना के तहत किसानों एवं पशुपालकों से दो रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी, जिसके जरिए गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इससे गांव में लोगों को रोजगार एवं आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश में प्रथम चरण में ग्रामीण क्षेत्रों के 2408 और शहरी क्षेत्रों के 377 गौठानों में गोबर की खरीदी प्रारंभ की जाएगी। चरणबद्व रूप से सभी 11 हजार 630 ग्राम पंचायतों में गौठान का निर्माण पूरा होने इस योजना के तहत वहां भी गोबर खरीदी की जाएगी।

प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में ग्रामीणों और किसानों की बेहतरी के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। किसानों की कर्ज माफी के साथ ही उन्हें उनकी फसल का वाजिब मूल्य दिलाने तथा फसल उत्पादकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को 5750 करोड़ रूपए की मदद दी जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि दी जा चुकी है। आगामी 20 अगस्त को राजीव किसान योजना की द्वितीय किश्त की राशि जारी की जाएगी।

प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की सिंचाई कर की माफी की गई है। फसलों की सुरक्षा के उद्देश्य से राज्य में रोका-छेका अभियान की शुरूआत किए जाने की साथ ही खुली चराई प्रथा पर रोक लगाने का प्रयास किया गया है ताकि किसान बारहमासी फसलें ले सकें। गांव और किसानों की बेहतरी के लिए सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के संवर्धन और संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत गांव में वर्षा जल की रोकथाम के लिए नरवा (नाला) का उपचार कराए जाने के साथ ही पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य में पांच हजार से अधिक गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। गौठानों में किसानों एवं पशुपालकों पशुधन के रखरखाव एवं उनके चारे-पानी का बेहतर प्रबंध किए जाने के साथ ही महिला स्वसहायता समूह के माध्यम से विभिन्न आयमूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। घुरवा कार्यक्रम के तहत गांव में नाडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन की ओर ग्रामीणों एवं किसानों का रूझान बढ़ा है। राज्य में निर्मित गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन भी किया जा रहा है। बाड़ी विकास कार्यक्रम से गांव में सब्जी-भाजी के उत्पादन को बढ़ावा मिला है। महिला समूह अब सामूहिक रूप से सब्जी उत्पादन के कार्य से जुड़े हैं। इन योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। राज्य में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य का सपना मूर्त रूप लेने लगा है।

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