73800 करोड़ से अधिक के पीएम केयर फंड की राशि में से छत्तीसगढ़ को सिर्फ 13 करोड़: मरकाम

रायपुर। पीएम केयर फंड से छत्तीसगढ़ को मिले 13 करोड़ की राशि को कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय करार दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी की भाजपा सरकार ने पीएम केयर फंड से छत्तीसगढ़ को मात्र 13 करोड़ देकर छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय किया है। पीएम केयर फंड में छत्तीसगढ़ की जनता की हक अधिकार के सीएसआरफंड की हजारों करोड़ की राशि़ जमा करा ली गई। एनएमडीसी, सेल, बीएसपी सहित अनेक उद्योगों ने सीएसआर फंड को पीएम केयर फंड में जमा करा दिया। छत्तीसगढ़ के भाजपा के सांसदों की सांसद निधी से 100 करोड़ से अधिक की राशि जिस पर क्षेत्र की जनता का अधिकार होता है, उस राशि को मोदी, शाह को खुश करने पीएम केयर फंड में जमा करा दिये। कोरोना महामारी संकट में गरीब, मजदूर, महिलाओं, किसानों और जरूरत मंदो की मदद के लिए देश भर से सभी वर्गों ने मुक्त हस्त से 73,800 करोड़ से अधिक की राशि जमा की, लेकिन दानदाता के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो पाई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में एनएमडीसी, सेल, बीएसपी अनेक कंपनियों के सीएसआर पैसे पीएम केयर फंड में ले लिये गये। छत्तीसगढ़ के सांसदों ने अपनी सांसद निधी पीएम केयर फंड में स्वाहा कर दी लेकिन छत्तीसगढ़ की मजूदरों की मदद नहीं की। पीएम केयर फंड से छत्तीसगढ़ को मिला क्या? सिर्फ 13 करोड़। छत्तीसगढ़ के साथ, गरीब कल्याण योजना में शामिल न करके अन्याय किया मोदी सरकार ने और अब पीएम केयर फंड से छत्तीसगढ़ को अत्यंत अल्प राशि देकर भाजपा का छत्तीसगढ़ विरोधी रवैया स्पष्ट उजागर कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि एनएमडीसी की छत्तीसगढ़ के बस्तर स्थित बैलाडीला खदान ही आय का प्रमुख स्रोत है और एनएमडीसी ने 150 करोड़ रुपए की राशि पीएम केयर्स फंड में दी है। इसके साथ-साथ सेल ने 30 करोड़, सेल के कर्मचारियों ने 9 करोड़ और कोल इंडिया ने 220 करोड़ की राशि पीएम केयर्स फंड में दी है। सेल का भिलाई स्टील प्लांट और कोल इंडिया की इकाई एसईसीएल की खदाने छत्तीसगढ़ में ही है। छत्तीसगढ़ के सांसदों द्वारा अपनी सांसद निधि की राशि भी पीएम केयर्स फंड में दी गई है और इसके साथ ही सांसद निधि पर करोना को देखते हुए 2 साल का फ्रिज लगाकर सांसद निधी की राशि भी पीएम केयर्स फंड में ले ली गई है। इसके साथ ही भाजपा के द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ से बहुत बड़ी राशि एकत्र करके पीएम केयर्स फंड में जमा की गई जिसमें छत्तीसगढ़ के आम लोगों व्यवसायियों उद्योगपतियों नौकरी पेशा लोगों सबकी भागीदारी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि इसके भी बाद छत्तीसगढ़ को पीएम केयर्स फंड से मिले सिर्फ 13 करोड़ और भाजपा के नेता इस तरह से बातें कर रहे हैं और इस भाषा में बातें कर रहे हैं जैसे छत्तीसगढ़ के लोगों पर यह कोई एहसान है। पीएम केयर फंड से छत्तीसगढ़ को मिले 13 करोड़ कोरोना संकट से निपटने में अपर्याप्त है। छत्तीसगढ़ के साथ लगातार भेदभाव अन्याय पर भाजपा के सांसदों का मौन दुखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। मोदी की भाजपा सरकार ने गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ को दूर करने के बाद पीएम केयर्स फंड से मात्र 13 करोड़ देकर छत्तीसगढ़ के साथ फिर से अन्याय किया है। इतनी बड़ी आपदा कोरोना महामारी के समय छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव अनुचित एवं अन्यायपूर्ण है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कोरोना महामारी संकट में मजदूर सड़कों पर भूखे, प्यासे, नंगे पैर भटकते रहे, दुर्घटनाओं एवं भूख-प्यास के चलते 700 से अधिक प्रवासी मजदूरों की असामयिक मौत हो गयी। आज भी देश में कोरोना महामारी की जनसंख्या के हिसाब से टेस्टिंग नहीं हो पा रही है। कोरोना महामारी से पीड़ितों का इलाज कर रहे डॉक्टरों को पर्याप्त मात्रा में पीपीई कीट एवं अन्य चिकित्सकीय उपकरण नहीं मिल पा रहे है। पीएम केयर फंड भी भाजपा की कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। पीएम केयर फंड से खरीदी गई वेंटिलेटर के दामों और क्वालिटी को लेकर गंभीर सवाल उठे है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि पीएम केयर फंड का इस्तेमाल मोदी सरकार भाजपा समर्थित चंद उद्योगपतियों के सहयोग फंड की तरह कर रही है। जिस प्रकार आरबीआई से 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपए लेकर चंद चहेते उद्योगपतियों को लाभान्वित किया गया। उसी प्रकार पीएम केयर फंड की राशि का भी लाभ चंद उद्योगपतियों को दिया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के प्रवासी मजदूरों को किसी भी प्रकार की मदद मोदी सरकार के द्वारा नहीं की गई। मजदूरों के घर वापसी के खर्चे का टिकट भी राज्य सरकार एवं कांग्रेस पार्टी ने वहन किया। गरीबों के नाम से बनाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ को दूर रखकर छत्तीसगढ़ के मजदूरों के साथ अन्याय किया गया। छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा को 9 सांसद दिए लेकिन भाजपा के 9 सांसद कभी भी मोदी सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के साथ किये जा रहे अन्याय भेदभाव का विरोध नही किये। बल्कि मोदीभक्ति में लीन होकर सत्तापरिकर्मा के चलते मौन रहे। भाजपा के सांसद छत्तीसगढ़ की जनता के द्वारा दिए गए जिम्मेदारियों को निर्वहन नहीं कर रहे है। भाजपा सांसदों में मोदी-शाह के सामने खड़े होकर छत्तीसगढ़ के हक अधिकारों की बात करने की सामर्थ नहीं है।

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