कलेक्टर-एसपी ने शहीदों व सेनानियों के परिजनों के घर जाकर भेंट किया गुलदस्ता व मुख्यमंत्री का संदेश
धमतरी। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की 19वीं वर्षगांठ के अवसर पर जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और नक्सल मुठभेड़ों शहीद हुए पुलिस के जवानों के परिजनों के घर जाकर कलेक्टर रजत बंसल, एस.पी. बालाजी राव तथा जिला पंचायत के सी.ई.ओ. विजय दयाराम के. ने सम्मानित किया। अधिकारी त्रय सबसे पहले आज दोपहर 12.00 बजे रूद्री रोड पर स्थित दुलारीनगर में शहीद उपनिरीक्षक कोमलसिंह साहू के घर गए, जहां पर उनके छोटे भाई को फूलों का गुलदस्ता, महिला स्वसहायता समूह द्वारा तैयार की गई सामानों की टोकरी तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वतंत्रता सेनानियों तथा शहीद के परिजनों के नाम संदेश भी भेंट किया। इस अवसर पर कलेक्टर एवं एसपी ने जिला प्रशासन की ओर परिजनों को यथासंभव सहयोग का भी आश्वासन दिया।
इसके पश्चात् कलेक्टर-एसपी ने शहीद आरक्षक खगेन्द्र कश्यप के घर जाकर परिजनों से भेंट की। उनके परिजनों को भी गुलदस्ता, सामग्रीयुक्त टोकरी और मुख्यमंत्री का संदेश भेंट किया। तत्पश्चात् जिला पंचायत के सी.ई.ओ. ने स्थानीय रत्नाबांधा चौक स्थित तिवारी बाड़ा पहुंचकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिवकुमार तिवारी के परिजन सुश्री जानकी तिवारी (अधिवक्ता), पवन तिवारी तथा सतीश तिवारी से भेंट कर उन्हें गुलदस्ता, सामग्री तथा मुख्यमंत्री का संदेश भेंट किया। तत्पश्चात् दानीटोला वार्ड जाकर शहीद आरक्षक चंद्रशेखर रंगारी के घर जाकर अपर कलेक्टर दिलीप अग्रवाल ने परिजनों को सामग्री तथा मुख्यमंत्री का संदेश भेंट किया। इसके पश्चात् ग्राम मुड़पार (धमतरी) के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आशानंद यादव के घर जाकर एसडीएम धमतरी योगिता देवांगन ने उनके परिजनों को मुख्यमंत्री का संदेश और गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया।
इसी प्रकार कुरूद विकासखण्ड के तहत नगर पंचायत भखारा-भठेली में राज्य स्थापना के अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बीरसिंग के परिजन श्रीमती श्यामाबाई गौर और क्रान्तिकुमार ढीढी के घर जाकर उनके परिजन पुरौतिन बाई ढीढी को एसडीएम कुरूद जितेन्द्र कुमार कुर्रे ने मुख्यमंत्री का संदेश और गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया। इसी तरह भैसमुंडी (कोकड़ी) के शहीद नकुल ध्रुव के घर जाकर उनके परिजनों को स्मृति चिन्ह व मुख्यमंत्री का संदेश भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके अलावा जिले के मगरलोड व नगरी विकासखण्ड में भी शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के घर जाकर उन्हें सम्मानित किया गया।