रायपुर । केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए जाने वाली गरीब कल्याण रोजगार अभियान में छत्तीसगढ़ को शामिल नहीं किये जाने को कांग्रेस ने भाजपा का छत्तीसगढ़ विरोधी रवैय्या बताया है। प्रदेश कांग्रेस के संचार विभाग के सदस्य एवं प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान में छत्तीसगढ़ को शामिल नही करके राज्य के मजदूरों और गरीबो के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने इस मामले में भाजपा के छत्तीसगढ़ के नेताओ की चुप्पी पर ऐतराज जताया है। क्या छत्तीसगढ़ ने राज्य से 9 भाजपा सांसदों को चुन कर इसीलिए भेजा है कि जब राज्य के हितों की बात हो तो वे सब दलीय प्रतिबद्धता के कारण चुप्पी साध रखें।
बात-बात में बड़े-बड़े बयान देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह जो भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है राज्य के मजदूरों के हित में मोदी सरकार के समक्ष आपत्ति दर्ज कराने का साहस क्यो नही दिखा रहे हैं? सरोज पांडे, धरम लाल कौशिक, रामविचार नेताम, विष्णुदेव साय की बोलती अब क्यो बन्द है? बात-बात में केंद्रीय योजना की दुहाई देने वाले सांसद सुनील सोनी, संतोष पांडे अब कहाँ छुप गए हैं?
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दीगर राज्यो से 2.5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर वापस आये है राज्य के क्वारन्टीन सेंटरों से घर वापसी के बाद इन सबके रोजगार की व्यवस्था की जानी है। राज्य सरकार मनरेगा के काम खोल कर रखी है यहाँ पर जॉब कार्डधारी पंजीकृत मजदूरों को काम मिल रहा है। यदि केंद्र सरकार गरीब कल्याण रोजगार अभियान कार्यक्रम से छत्तीसगढ़ को भी जोड़ती तो राज्य के इन ढाई लाख से अधिक मजदूरो के लिए रोजगार जुटाना आसान हो जाता।
कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा कि क्या छत्तीसगढ़ को सिर्फ इसलिए इस योजना से अलग रखा गया है यहां कांग्रेस की सरकार है ? क्या छत्तीसगढ़ के लोगो का राष्ट्रीय संसाधनों पर हक नही है ? केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के कोयला आयरन ओर बाक्साइट जैसे खनिज संसाधनों पर यहाँ की उत्पादित बिजली पर अपना हक जमा सकती है लेकिन राज्य के लोगो के लिए जब राहत देने की बात आती तब भाजपा की केंद्र सरकार मुंह मोड़ लेती है। राज्य के भाजपा के बड़े नेता मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को सही ठहराने में कुतर्क करने लग जाते है। मुख्यमंत्री ने जब राज्य के लिए कोरोना संकट से निपटने 30,000 करोड़ की सहायता मांगी तब रमन सिंह सहित लगभग हर भाजपा नेता ने इसका विरोध किया जैसे यह पैसा किसी के व्यक्तिगत हित के लिये मांगा गया था। 2500 रू. में धान खरीदी के समय केंद्र की अड़ंगेबाजी पर भी भाजपा नेताओं ने किसानों का साथ देने के बजाय मोदी सरकार के अन्याय का साथ दिया था। छत्तीसगढ़ भाजपा के सारे बड़े नेता केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष अपना नम्बर बढ़ाने चाटुकरिता में राज्य की जनता के हितों को तिलांजलि दे रहे हैं।