नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस की वजह से देश भर में लगे लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर एक बड़ा फैसला दिया है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को 15 दिन के अंदर सभी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने के आदेश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रेन की मांग के 24 घंटे के अंदर केंद्र सरकार की ओर से अतिरिक्त ट्रेनें दी जाएंगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान जिन मजदूरों पर कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले दर्ज किए गए हैं, उनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत सभी केस वापस लिए जाएं।
अपने आदेश में कोर्ट ने कहा, ‘केंद्र और राज्यों को सुव्यवस्थित तरीके से प्रवासी श्रमिकों की पहचान के लिए एक लिस्ट तैयार करनी होगी। प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार राहत को मैप और कौशल मानचित्रण किया जाएगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाने का आदेश दिया है। इसके बारे में प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देनी होगी।
केंद्र सरकार ने एक मई से प्रवासी मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू किया था। रेलवे ने दावा किया था कि इन ट्रेनों के जरिए से अभी तक लाखों मजदूरों को उनके घर पहुंचाया जा चुका है। कोरोना वायरस की वजह से देश में 24 मार्च से लॉकडाउन लगा है। अभी लॉकडाउन का पांचवा चरण चल रहा है। हालांकि, सरकार लॉकडाउन 5.0 में अनलॉक 1 के तहत आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए कई तरह के रियायतें दे रही है।