नईदिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के चलत पिछले दो महीनों से लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन के दौरान रेल और विमान सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई थी। हालांकि सोमवार को घरेलू विमान सेवाओं को एक बार फिर से खोल दिया गया है। घरेलू विमान सेवाओं के बाद अब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार से चार्टर्ड विमान सेवा को भी दोबारा शुरू करने की मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने कहा है कि फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और माइक्रो लाइट एयरक्राफ्ट के सभी नॉन शेड्यूल्ड एवं प्राइवेट ऑपरेटर परिचालन शुरू कर सकते हैं। इस संबंध में मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी किए हैं।
दिशानिर्देश के मुताबिक, अगर कोई व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहकर चार्टर्ड हेलीकॉप्टर के लिए टिकट बुक कराता है, तो सैनिटाइजेशन से जुड़े सभी नियमों का पालन करते हुए हेलीपैड या हेलीपोर्ट पर मिनिमम कांटेक्ट के साथ बोर्डिग पास जारी किया जाएगा। यात्री को रवाना होने से 45 मिनट पहले एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट या हेलीपैड पर पहुंचना होगा। गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग व्यक्तियों और अस्वस्थ्य लोगों को हवाई यात्रा करने की सलाह दी गई है। एयरपोर्ट के काउंटर पर किसी भी तरह का फिजिकल चेक इन नहीं होगा। जिन यात्रियों का पहले से ही वेब चेकइन है, उन्हें ही एयरपोर्ट के भीतर जाने की अनुमति होगी। यात्रियों को जो बोर्डिंग पास ऑनलाइन दिया गया है उसके जरिए ही यात्री एयरपोर्ट के भीतर प्रवेश कर सकेंगे और इसे ही बोर्डिंग पास माना जाएगा।
हालांकि, एयर एंबुलेंस के मामले में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। डीजीसीए द्वारा शेड्यूल्ड घरेलू यात्री उड़ानों के लिए किराए पर लगाई गई सीमा चार्टर्ड फ्लाइट के लिए मान्य नहीं होगी। इसका किराया ऑपरेटर और यात्री के बीच आपसी सहमति से तय होगा। सैनिटाइजेशन, मास्क एवं आरोग्य सेतु एप से जुड़ी अन्य शर्तें लगभग वैसी ही रखी गई हैं, जैसी शेड्यूल्ड घरेलू यात्री उड़ानों के लिए हैं।
बता दें कि शव्यापी लॉकडाउन के कारण दो महीने से खड़े विमानों ने सोमवार को फिर उड़ान भरी। हालांकि राज्यों के रुख के कारण सोमवार के लिए तय आधी से ज्यादा उड़ानों को रद करना पड़ा। दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों को लेकर राज्यों में अलग-अलग चरंटाइन नियमों के चलते भी असंमजस का माहौल दिखा। अगले कुछ दिनों में हवाई यात्रा के थमे पहियों को गति मिलने की उम्मीद है। देश में 25 मार्च से सभी अंतरराष्ट्रीय व घरेलू यात्री विमान सेवाएं बंद हैं। इस दौरान केवल कार्गो एवं कुछ आवश्यक सेवाओं से जुड़े विमानों को ही उड़ान की अनुमति दी गई थी।