सिंधू का आत्मविश्वास डगमगाया हुआ है, एशियाई खेलों में पदक की दावेदार नहीं है: विमल

नई दिल्ली
 भारत के पूर्व कोच विमल कुमार का मानना है कि मौजूदा सत्र में टूर्नामेंटों में लगातार असफलताओं ने पी वी सिंधू के आत्मविश्वास को कमजोर कर दिया है और देश की शीर्ष महिला बैडमिंटन खिलाड़ी से एशियाई खेलों में ज्यादा उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।

सिंधू ने लय हासिल करने के लिए दिग्गज प्रकाश पादुकोण की देखरेख में एक सप्ताह तक बेंगलुरु स्थिति प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी (पीपीबीए) में अभ्यास किया। पिछले अगस्त में राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के दौरान टखने की चोट के बाद सिंधू के प्रदर्शन में गिरावट आयी है।

पीपीबीए के निदेशक विमल ने कहा, ”हम उसके अभ्यास सत्र का विश्लेषण कर रहे हैं। प्रकाश ने उससे बात की और उसे प्रेरित करने की कोशिश की। हमने उसके कोच (मुहम्मद हाफिज हाशिम) से भी बातचीत की है।” उन्होंने कहा, ”इस समय उसका आत्मविश्वास कम है और वह शारीरिक और मानसिक रूप से थोड़ी कमजोर है। उसे कुछ सुधार करना है और हमें एशियाई खेलों में उससे ज्यादा उम्मीद नहीं करनी चाहिए।”

सिंधू 2019 में विश्व चैम्पियन बनी थी। वह इस साल बीडब्ल्यूएफ टूर के सात प्रतियोगिताओं में पहले दौर में हारकर बाहर हो गयी। मौजूदा सत्र में वह कनाडा ओपन के सेमीफाइनल और अमेरिका ओपन तथा ऑस्ट्रेलिया ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में सफल रही।

लगातार खराब प्रदर्शन से परेशन सिंधू ने कहा था कि अमेरिकी ओपन के क्वार्टर फाइनल में हार का उन पर काफी ‘भावनात्मक प्रभाव’ पड़ा था। उन्होंने जुलाई में ‘एक्स (पूर्व में ट्विटर)’ पर लिखा, ‘‘इस चुनौतीपूर्ण साल में इस हार ने मुझ पर काफी भावनात्मक प्रभाव छोड़ा है। किसी सफल टूर्नामेंट के बाद हार का अनुभव करना निराशाजनक है।”

एक सप्ताह तक सिंधू के खेल पर नजर रखने वाले विमल ने कहा, ”वह एक बड़ी खिलाड़ी है और उसे कुछ समय देना जरूरी है, उसे अपनी लय हासिल करने में कुछ महीने लग सकते हैं। कुछ तकनीकी पहलू हैं, जहां वह कुछ बदलाव कर सकती है। उसे कुछ पहल करने की जरूरत है।’

चीन के हांगझोउ में एशियाई खेलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सिंधू ने चीन ओपन सुपर 1000 और हांगकांग ओपन सुपर 500 से नाम वापस ले लिया है। उन्होंने अपने कोच हाफिज हाशिम के साथ पिछले सप्ताह पीपीबीए में पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन पादुकोण देखरेख में अभ्यास किया।

एशियाई खेलों का कांस्य पदक (1986 में वालीबॉल) जीतने वाले सिंधू के पिता पीवी रमना ने कहा, ”पिछला सप्ताह उनके लिए एक अच्छा बदलाव रहा है। उन्हें प्रकाश पादुकोण से सीखने का अच्छा अनुभव मिला। वह वहां मौजूद थे और उन्होंने सिंधू के अभ्यास सत्र को करीब से देखा।”

रमना ने कहा, ”पादुकोण बहुत सहायक रहे हैं और उन्होंने उसे बहुत प्रोत्साहन दिया है। अलग-अलग कोच से सीखना अच्छा है, हर किसी के विचार और तरीके अलग-अलग होते हैं। एक खिलाड़ी के रूप में, वह फिर से पुरानी लय को हासिल करना चाहेगी। हर खिलाड़ी की अपनी रणनीति होती है।”

दुनिया की 14वें नंबर की खिलाड़ी सिंधू के करियर के लिए यह समय काफी अहम है क्योंकि 2024 ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफिकेशन अवधि एक मई से शुरू हो रही है। सिंधू इस साल फरवरी में कोरिया के अपने कोच पार्क ताए संग से अलग हो गयी थी। उन्होंने इसके बाद कुछ समय के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण की कोच विधि चौधरी के साथ काम किया और अब हाफिज की देखरेख में ओलंपिक की तैयारी कर रही है।

 

शुभंकर आयरिश ओपन गोल्फ में संयुक्त सातवें स्थान पर रहे

किल्डारे
 भारतीय गोल्फर शुभंकर शर्मा आयरिश ओपन गोल्फ टूर्नामेंट के चौथे दौर में एक ओवर 71 का कार्ड खेलने के बाद संयुक्त रूप से सातवें स्थान रहे। डीपी वर्ल्ड टूर (यूरोपीय टूर) पर 2018 के बाद अपना पहला खिताब जीतने की कोशिश कर रहे शुभंकर यहां पहले दौर के बाद एकल बढ़त और दूसरे दौर के बाद संयुक्त बढ़त पर थे। तीसरे दौर में दो ओवर 74 का कार्ड खेलकर निराशाजनक प्रदर्शन किया जिससे वह संयुक्त चौथे स्थान पर खिसक गए थे। वह आखिरी दौर में भी लय हासिल करने में सफल नहीं रहे और उनका कुल स्कोर 11 अंडर का रहा। शुभंकर अब एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।