अफ्रीकी संघ के G20 में शामिल होने को सुनील मित्तल ने मील का पत्थर बताया

नयी दिल्ली
अफ्रीकी संघ को  जी20 में शामिल किए जाने पर भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और चेयरमैन सुनील मित्तल ने इसे एक यादगार दिन बताया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संगठनों और उनके निकायों में अधिक समावेशी घटक तैयार करने की दिशा में यह कदम ‘मील का पत्थर’ है।

मित्तल ने जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करने में सफलतापूर्वक अगुवाई करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी। उन्होंने एक बयान में कहा, ”जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करने में सफलतापूर्वक नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मेरी हार्दिक बधाई।

जैसे ही यह घोषणा नयी दिल्ली से दुनिया भर में जाएगी, मुझे यकीन है कि इस दिन को एक निर्णायक दिन के रूप में याद किया जाएगा। यह अंतरराष्ट्रीय संगठनों और उनके निकायों में अधिक समावेशी घटक तैयार करने की दिशा में मील का पत्थर है।”

मित्तल ने कहा कि उन्होंने अफ्रीकी आर्थिक एकीकरण पर बी20 कार्य परिषद के अध्यक्ष के रूप में अपनी भागीदारी के दौरान व्यक्तिगत रूप से इस समावेशन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को देखा है।

भारत को उच्च प्रौद्योगिकी निर्यात बाधाओं को दूर करने के लिए अमेरिकी सदन में विधेयक पेश

वाशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की नयी दिल्ली यात्रा के बीच अमेरिकी प्रतिनिधि सभी में दो सांसदों ने भारत को उच्च प्रौद्योगिकी निर्यात बाधाओं को दूर करने के लिए विधेयक पेश किए हैं।

इन विधेयकों का मकसद भारत को संवेदनशील प्रौद्योगिकियों के अप्रतिबंधित निर्यात को बढ़ावा देना है। इससे दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। ये विधेयक  विदेश मंत्रालय की समिति के सदस्य ग्रेगरी मीक्स और हाउस इंडिया कॉकस के उपाध्यक्ष एंडी बर्र ने पेश किए।

दोनों सांसदों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ”भारत को प्रौद्योगिकी निर्यात अधिनियम का मकसद भारत में उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटर और संबंधित उपकरणों की बिक्री को सुविधाजनक बनाना और संयुक्त रूप से प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत करना है।”

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत के दौरे पर हैं और ऐसे में उन्हें अमेरिका और भारत के बीच प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत करने के लिए ‘भारत को प्रौद्योगिकी निर्यात अधिनियम’ पेश करने की खुशी है।

डीजीसीए ने एयर इंडिया को सिम्युलेटर का उपयोग करने की सशर्त मंजूरी दी

नई दिल्ली
 भारत के विमानन निगरानी निकाय, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मुंबई और हैदराबाद में एयर इंडिया की सिम्युलेटर सुविधाओं को सशर्त नवीनीकृत मंजूरी दे दी है। यह निर्णय एयरलाइन को पायलट प्रशिक्षण फिर से शुरू करने में सक्षम बनाता है, जिसे नियामक द्वारा नियामक मानकों के गैर-अनुपालन का खुलासा करने वाले ऑडिट के कारण इसकी मंजूरी निलंबित करने के बाद रोक दिया गया था। डीजीसीए के एक अधिकारी ने कहा, कमियों को दूर करने के बाद 30 दिनों की अवधि के लिए सशर्त मंजूरी दी गई है।

 इस 30 दिनों की अवधि के भीतर एक आंतरिक ऑडिट किया जाएगा और समीक्षा के परिणाम बाद में हमारे साथ साझा किए जाएंगे। एयर इंडिया पायलट प्रशिक्षण के लिए दो अलग-अलग सिमुलेटर का प्रबंधन करती है। मुंबई में सुविधा बोइंग पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए समर्पित है, जबकि हैदराबाद में सुविधा मुख्य रूप से एयरबस पायलट प्रशिक्षण के लिए उपयोग की जाती है। पिछले हफ्ते, डीजीसीए ने एयर इंडिया की हैदराबाद और मुंबई सुविधाओं में सिम्युलेटर प्रशिक्षण को निलंबित कर दिया था।