ढाई लाख मास्क बनाए महिला स्व-सहायता समूहों ने

बिलासपुर। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए समाज के हर वर्ग के लोग किसी न किसी रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में ग्रामीण महिलायें भी पीछे नहीं हैं। जिले की महिला स्व-सहायता समूहों ने अब तक ढाई लाख मास्क तैयार किये हैं। उनके बनाये मास्क पंचायतों द्वारा मनरेगा के मजदूरों को वितरित किये जाते हैं।
मास्क बनाने के काम में जिले की 32 स्व-सहायता समूहों की 442 महिलाएं जुटी हैं। इस कार्य से उन्हें आय भी हो रही है। ढाई लाख मास्क तैयार कर समूहों ने साढ़े सात लाख रुपये की आय अर्जित की है।
गनियारी स्थित आजीविका अंगना में भी स्व-सहायता समूह की महिलाएं मास्क बनाने के कार्य में सतत् लगी हुई हैं। ये महिलाएं कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन कर रही हैं। आजीविका अंगना में बैठकर सिलाई कर रही ग्राम नेवरा की श्रीमती नंदिनी साहू ने बताया कि वह एक दिन में लगभग 150 मास्क तैयार कर लेती हैं। एक मास्क के उसे तीन रुपये पारिश्रामिक मिलते हैं। इस तरह वह एक दिन में 450 रुपये कमा रही है। उसने बताया कि अब तक वह 2500 मास्क तैयार कर चुकी है। मास्क के लिए कपड़ा जनपद पंचायत द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। इसी तरह गनियारी की इतवारा सूर्यवंशी, रत्ना साहू, भगवती, मीना सूर्यवंशी भी अपने-अपने घरों में मास्क बनाने का काम कर रही हैं। इन महिलाओं ने 9000 मास्क तैयार किये हैं। इस तरह ये महिलायें कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में अपना योगदान कर रही हैं।

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