गांवों में पढ़े भास्कर बने IES, UPSC में 117 वीं रैंक

सरस्वती शिशु मंदिर व नवोदय विद्यालय में पढक़र साबित की प्रतिभा
भिलाई। बोरीगारका के एक सामान्य कृषक परिवार के युवक भास्कर सोनबेर ने यूपीएससी के माध्यम से इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस यानी आईईएस के लिए 117 वें रैंक में चयनित होकर अपनी प्रतिभा साबित की है। खास बात यह है कि, उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में ही हुई। लेकिन अपनी मेहनत और जज्बे से उन्होंने अपनी मंजिल हासिल कर ली।
हाल ही में यूपीएससी के परिणाम घोषित किए गए। इसमें उतई के समीप बोरीगारका के भास्कर सोनबेर पिता प्रेमचंद सोनबेर शानदार 117वाँं रैंक हासिल कर आईइएस के रूप में चयनित हो गए हैं।् भास्कर ने बताया कि, उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर उतई में हुई। क्लास 6 से 12 तक की पढ़ाई उन्होंने नवोदय विद्यालय बोरई से पूरी की। इसके बाद शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज जगदलपुर से सिविल इंजीनियरिंग ब्रांच में उत्तीर्ण हुए। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्त अमन माखीजा के साथ यूपीएससी की तैयारी दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर के माध्यम से की। इसके पूर्व उन्होंने गेट भी क्लियर किया जिसमें आल इंडिया रैंक 126 था।
करीब 13 घंटे रोजाना की पढ़ाई
भास्कर ने बताया कि, उन्होंने यूपीएससी के लिए रोजाना करीब 12-13 घंटे पढ़ाई की। दोस्त अमन माखीजा के साथ डिस्कशन करते हुए तैयारी करने से यूपीएससी क्लियर करना ज्यादा आसान हुआ। वे कहते हैं कि, अमन के परिवार ने उनको बहुत सपोर्ट किया। भास्कर फिलहाल इंडियन आयल कार्पोरेशन में हैं। इसके अलावा कुछ अन्य कम्पनियों में भी उनका चयन हो गया था। वे कहते हैं कि, पिता प्रेमचंद सोनबेर, दीदी अदिति साहू ने उन्हें निरंतर बेहतर करने के लिए प्रेरित किया। परिवार का सपोर्ट मिलना सफलता को आसान बना देता है।
भास्कर कहते हैं कि, सफलता के लिए जरूरी है कि, एक लक्ष्य तय कर उसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें, जुनून व जज्बा हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं है। भास्कर ने अपना अगला लक्ष्य आईएएस को बताया है। हाबी के बारे में पूछने पर कहा कि, सिंगिंग व पोएट्री।

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