मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री की सहृदयता से प्रवासी मजदूरों की राहें हुई आसान

मजदूरों के पहुंचने से पहले ही स्टेशन के बाहर इंतजार में खड़ी दर्जनों बसें
बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और परिवहन मंत्री मो.अकबर की सहृदयता से प्रवासी मजदूरों की राहें और आसान हो गई। मजदूरों को उनके गांव तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री की पहले पर विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की शुरूआत हुई है, तो वहीं परिवहन मंत्री की प्रेरणादायी पहल से स्टेशन से प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटीन सेंटर और फिर उसके बाद सकुशल उनके घर वापसी के लिए सैकड़ों बसों का इंतजाम किया गया है। बसें प्रवासी मजदूरों के ट्रेन के पहुंचने से पहले ही स्टेशन के बाहर उनके आगमन की बाट जोहती रहती हैं।
कुछ ऐसा ही नजारा दिखा बिलासपुर के स्टेशन के बाहर। जहां रेलवे स्टेशन के बाहर आज भी सुबह से ही सेनीटाइज की हुई दर्जनों यात्री बसें, श्रमिकों के इंतजार में खड़ी थीं। श्रमिकों के आने पर स्टेशन पर ही उनकी व्यवस्थित स्वास्थ्य जांच के बाद उन्हें पहले से तय किए गए क्वॉरेंटाइन सेंटर में इन्हीं बसों से ले जाया जाना है।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को वापस लाने के लिए 37 विशेष ट्रेनों की सूची जारी की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विशेष प्रयासों से लाकडाउन में अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों का आने का सिलसिला लगातार जारी है। मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर अब तक 8 स्पेशल ट्रेन श्रमिकों को लेकर छत्तीसगढ़ आ चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने इन प्रस्तावित सभी ट्रेनों के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। जैसे-जैसे अन्य राज्यों से अनुमति मिलती जाएगी ट्रेनों का संचालन क्रमश: चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ट्रेनों में आने वाले श्रमिकों के लिए रेल्वे मण्डलों को अब तक कुल एक करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है।
इन स्पेशल ट्रेनों में अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों, संकटापन्न और चिकित्सा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की छत्तीसगढ़ वापसी का सिलसिला बीते 11 मई से शुरू भी हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ पहुंचने वाले श्रमिकों किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। स्पेशल ट्रेन पहुचनें पर राज्य के निर्धारित स्टेशनों में थर्मल स्क्रीनिंग, भोजन पानी तथा उन्हें अपने गंतव्य स्थान पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था भी संबंधित जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। ग्राम पंचायतों में इन श्रमिकों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। गांव पहुंचने पर इन सेन्टरों में श्रमिकों के रहने और भोजन का इंतजाम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर श्रम विभाग के अधीन गठित छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा अभी तक नोडल अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रेनों में आने वाले श्रमिकों के लिए रेल्वे मण्डलों को अब तक कुल एक करोड़ 16 लाख रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है।

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