लेखापाल 16 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

अंबिकापुर/प्रतापपुर। सूरजपुर जिले के प्रतापपुर स्थित खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के लेखापाल को 16 हजार रुपए की रिश्वत लेते एंटी करप्शन ब्यूरो अंबिकापुर की टीम ने गुरुवार को रंगे हाथों धरदबोचा। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत कार्रवाई की जा रही है। दरअसल वर्ष 2019 में बीएमओ कार्यालय से रिटायर्ड स्वीपर को बाकी बचे 3 लाख रुपए के भुगतान के बदले लेखापाल द्वारा 16 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी। पूर्व में भी 7 लाख के लिए लेखापाल ने 19 हजार रुपए दिए थे।
सूरजपुर जिले के ग्राम रेवटी निवासी बिनेश्वर राम 62 वर्ष खंड चिकित्सा कार्यालय प्रतापपुर में चतुर्थ वर्ग कर्मचारी (स्वीपर) के पद से जनवरी 2019 में रिटायर हुआ था। रिटायरमेंट के बाद उसे ग्रेच्यूटी समेत अन्य राशि मिलाकर 10 हजार रुपए मिलना था। 7 लाख रुपए उसे पूर्व में ही भुगतान किया जा चुका था।
बाकी बचे 3 लाख रुपए के लिए पेंशन प्रकरण बनाने खंड चिकित्सा कार्यालय के लेखापाल गिरिवर कुशवाहा से मिला। लेखापाल ने 3 लाख रुपए का बिल बनाकर ट्रेजरी में प्रस्तुत करने व पेंशन प्रकरण के लिए 16 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। चूंकि लेखापाल द्वारा पूर्व में भी 7 लाख रुपए के लिए 19 हजार रुपए ली जा चुकी थी, इस कारण वह इस बार रुपए नहीं देना चाहता था।
एसीबी अंबिकापुर में की शिकायत
रिटायर्ड स्वीपर ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो अंबिकापुर कार्यालय में की। एसीबी ने बातचीत का व्वायस रिकॉर्डिंग प्रस्तुत की, जो जांच में सही पाया गया। इसके बाद एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकडऩे की योजना बनाई।
16 हजार रुपए के साथ रंगे हाथों पकड़ा
14 मई को योजना के अनुसार एसीबी की टीम ने शिकायतकर्ता स्वीपर को केमिकल लगा 16 हजार रुपए देकर भेजा। जैसे ही लेखापाल ने रुपए लिए, पहले से वहां मौजूद एसीबी की टीम ने उसे रिश्वत के रुपयों के साथ रंगे हाथों दबोच लिया।
लेखापाल को किया गिरफ्तार
एसीबी की टीम ने लेखापाल गिरिवर कुशवाहा को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की। गौरतलब है कि लेखापाल द्वारा जानबूझकर रिटायर्ड स्वीपर को प्रताडि़त किया जा रहा था।

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