बाइडन प्रशासन ने अमेरिकी संसद से ‘बेहद पुरानी’ आव्रजन प्रणाली को अद्यतन करने के लिए कहा

वाशिंगटन,
 अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के नेतृत्व वाले प्रशासन ने संसद से बेहद पुरानी हो चुकी आव्रजन प्रणाली को अद्यतन करने के लिए कहा है। राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करीन ज्यां पियरे ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”जैसा कि हमने पहले भी कई बार कहा है, यह एक पुरानी आव्रजन प्रणाली है। हमने संसद से हमारी बेहद पुरानी आव्रजन प्रणाली को अद्यतन करने के लिए कहा है। हम इसे लेकर बहुत स्पष्ट हैं। इनमें अस्थायी वीजा कार्यक्रम भी शामिल हैं, जिन्हें दो दशकों से अधिक समय से अद्यतन नहीं किया गया है।”

वर्तमान नियमों के तहत, कुछ अस्थायी वीजा पर रह रहे श्रमिकों के पास नया रोजगार हासिल करने, अलग वीजा वर्गीकरण अपनाने या अमेरिका छोड़ने की तैयारी करने के लिए आमतौर पर 60 दिन होते हैं।

उन्होंने कहा, ”इसलिए, संसद को अपना काम करने और कानून पारित करने की जरूरत है। उसे हमारे आव्रजन कानूनों को अद्यतन करने की जरूरत है ताकि वे 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था में आज हम जहां हैं, उसके अनुसार जरूरतों को पूरा कर सके।”

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा कि अपने प्रशासन के पहले दिन बाइडन ने एक आव्रजन सुधार कानून पेश किया क्योंकि वे इसे बहुत गंभीरता से लेते हैं।

कैलिफोर्निया असेम्बली ने जातिगत भेदभाव विरोधी विधेयक पारित किया

वाशिंगटन
 अमेरिका में ‘कैलिफोर्निया स्टेट असेम्बली’ ने जातिगत भेदभाव विरोधी एक विधेयक पारित किया है, जिसमें जाति संबंधी भेदभाव को दूर करने और राज्य में हाशिए पर रह रहे समुदायों की रक्षा करने की बात की गई है।

असेम्बली में यह विधेयक पारित किया गया, जिसके बाद इसे राज्य के गवर्नर गैविन न्यूसम के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा गया। गर्वनर के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा और इसी के साथ कैलिफोर्निया अमेरिका का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा, जिसने भेदभाव विरोधी कानूनों में जाति को संरक्षित श्रेणी के रूप में शामिल किया है।

इस विधेयक का मकसद जाति संबंधी भेदभाव को दूर करना और राज्य में हाशिए पर रह रहे समुदायों की रक्षा करना है। इस विधेयक को राज्य की सीनेटर आयशा वहाब ने पेश किया था और इसे देश के कई जातिगत समानता नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं और संगठनों का समर्थन मिला। वहाब ने यह विधेयक पारित किए जाने पर असेम्बली को धन्यवाद दिया।

‘हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका’ (सीओएचएनए) ने इसे कैलिफोर्निया के इतिहास में एक ”काला दिन” बताया।

सीओएचएनए ने एक बयान में कहा कि तटस्थ नजर नहीं आने वाला और विशेष रूप से हिंदू अमेरिकियों को लक्षित करने के लिए तैयार किया गया यह विधेयक ‘एशियन इक्सक्लूजन एक्ट’ (एशियाई बहिष्करण अधिनियम) जैसे उन अन्यायपूर्ण विधायकों की तरह साबित होगा जो पारित किए जाने के समय लोकप्रिय थे, लेकिन उनका इस्तेमाल रंग के आधार पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने के लिए किया गया।