रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में पदस्थ एसडीएम रुचि शर्मा के खिलाफ मीडिया में भूतपूर्व सैनिक से मारपीट का मामला सामने आते ही कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि मामले की जांच के लिए एडीएम राजेश नशीने डिंडोल गांव भी पहुंच गए हैं। इस मामले में एडीएम ने गांव के सरपंच, रामनिवास राठौर, पूर्व सैनिक की पत्नी चंद्रमणि साहू सहित गांव के रहने वाले प्रत्यक्षदर्शियों के अलावा भूतपूर्व सैनिक संगठन के उपाध्यक्ष संतोष साहू का बयान भी लिया। उधर जांच अधिकारी ने लोरमी एसडीएम रुचि शर्मा और जनपद पंचायत की सीईओ प्रीति पवार का भी बयान लिया है। अब इस पूरे मामले में पीडि़त के बयान के बाद अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेंगे। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में एसडीएम रुचि शर्मा ने पूर्व सैनिक के साथ किसी भी तरह की मारपीट की घटना से इंकार किया था। उनका कहना था कि पूर्व सैनिक गोविंद राम साहू नियम का पालन नहीं कर कर रहा था, उसे क्वारेंटाइन सेंटर में रहने के निर्देश दिये गए थे।
फिलहाल क्वारेंटाइन सेंटर में रहने के कारण भूतपूर्व सैनिक गोंविद राम साहू का बयान नहीं लिया जा सका। लेकिन एडीएम राजेश नशीने ने नोटिस जारी किया है जिसमें उन्होंने गोविंद राम साहू को कहा है कि उनकी क्वारेंटाइन अवधि समाप्त होने के पश्चात वे उनके कार्यालय में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराएं।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि मुंगेली के रहने वाले गोविंद राम साहू पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में पदस्थ थे। जहां 31 मार्च को सेना से रिटायर हुए। इसके बाद नासिक में एक महीने तक क्वारेंटाइन सेंटर में रहने के बाद वे अपने गांव डिंडोल पहुंचे। गोविंद राम ने गांव पहुंचते ही सबसे पहले इसकी सूचना लोरमी थाना और ग्राम सरपंच को दी। जहां सरपंच रामनिवास राठौर ने गांव के क्वारेंटाइन सेंटर प्राथमिक शाला डिंडोल में किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं होने की बात कहते हुए उन्हें घर में ही रहने के लिए कहा और घर के सामने होम आइसोलेशन का स्टीकर भी चिपका दिया। पूर्व सैनिक पिछले 12 दिन से होम आइसोलेशन पर था। वहीं गोविंद साहू का आरोप है कि लोरमी एसडीएम शनिवार को सरपंच की मौजूदगी में उसके घर पहुंची और उसे घर से बाहर निकालते हुए डंडे से पिटाई कर दी। उसने एसडीएम रुचि शर्मा के ऊपर यह भी आरोप लगाया था कि वे उसे क्वारेंटाइन सेंटर में छोड़ कर बाहर से ताला लगा दिया था. जहां न सोने की और न ही खाने की सुविधा है. इस मामले में पूर्व सैनिक ने एसडीएम के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की थी।