रायपुर। कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए भारत सरकार द्वारा लागू लॉकडाउन अवधि में विभिन्न औद्योगिक संगठनों और संस्थानों सहित गैर घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा सरकार से रियायत दिए जाने की मांग लगातार की जा रही थी। जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उनके हित में अनेक निर्णय लिए गए।
उपभोक्ताओं के हित में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रदेश के गैर घरेलू (व्यवसायिक), कृषि आधारित उद्योग समेत अन्य औद्योगिक विद्युत कनेक्शन के अप्रैल, मई और जून 2020 के बिलों पर डिमांड चार्जेज़ भुगतान को जून 2020 तक स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। स्थगन अवधि (मॉरिटोरियम पीरियड) के पश्चात उक्त प्रभार की राशि को समान मासिक किश्तों में आगामी 6 माह के विद्युत देयकों के साथ ली जाएगी। अप्रेल, मई और जून 2020 के बिलों पर “ डिलेड पेमेंट सरचार्ज ” 1.5 प्रतिशत के बजाए एक प्रतिशत ही लिया जाएगा।
प्रदेश भर के सभी नगद बिल संग्रहण केंद्रों को अस्थाई रूप से बंद किया गया था. इसे दृष्टिगत रखते हुए लिए गए निर्णय के मुताबिक ऐसे सभी निम्नदाब विद्युत उपभोक्ता जिन्हें 23 मार्च से 3 मई की अवधि में विद्युत देयक का भुगतान करना था उन्हें अब 31 मई तक बिना अधिभार के विद्युत देयक भुगतान करने की सुविधा दी जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग भी इस पर सहमत है।
छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 23 मार्च से 30 जून के बीच प्रदेश में क्रय की जाने वाली विद्युत और पारेषण के लिए देयकों के विलंब से भुगतान पर वर्तमान में लागू “ डिलेड पेमेंट सरचार्ज ” की दर में पचास प्रतिशत की कमी की गई है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग भी इस पर सहमत है।
कोरोना वायरस के कारण विविध संकट से जूझ रहे प्रदेश के उद्योग और वाणिज्य जगत को सरकार के इन निर्णयों से बड़ी राहत मिल सकेगी।