कोरोना के खिलाफ देश भर में महायज्ञ जनता लड़ रही लड़ाई

मन की बात में पीएम ने दिया दो गज दूरी बहुत जरूरी का मंत्र
नई दिल्ली।
कोरोना के खिलाफ देश भर में जारी जंग की तुलना महायज्ञ से करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सही मायने में यह लड़ाई देश की जनता लड़ रही है। आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने सामाजिक दूरी की जगह दो गज दूरी बहुत जरूरी का नया मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि जनता के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ जंग में पूरा देश एकजुट हो कर एक लक्ष्य की ओर एक दिशा के साथ आगे बढ़ रहा है। पीएम ने इस लड़ाई के दौरान लोगों के नजरिये में आए व्यापक बदलाव की चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस जंग के दौरान पुलिस, स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी समेत अन्यसेवा करने वाले लोगों के प्रति लोगें की सोच मेंं व्यापक और सकारात्मक बदलाव आया है।
कोरोना के खिलाफ देशव्यापी जंग में देश का माहौल बदला-बदला सा है। ऐसा लगता है जैसे पूरे देश में महायज्ञ चल रहा हो। पूरे देश में गली-मोहल्लों और जगह-जगह लोग एक दूसरे की सहायता कर रहे हैं। चाहे गरीबों की मदद के लिए राशन की व्यवस्था हो या लॉकडाउन पालन का मामला हो। चिकित्सीय उपकरण के निर्माण का मामला हो या फिर अस्पतालों की व्यवस्था का मामला। कोई किराया माफ कर रहा है तो कोई अपनी पेंशन या पुरस्कार में मिली रकम दान कर रहा है। पूरा देश एक लक्ष्य और एक दिशा में साथ साथ चल रहा है।
रमजान पर संदेश
पीएम ने अपने संबोधन में अक्षय तृतिया सहित रमजान के पवित्र महीने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान देश की जनता ने कई पर्व बेहद सादगी से मनाए हैं। अब इसी लॉकडाउन में रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत हुई है। इस पवित्र महीने में लोग पहले से ज्यादा इबादत करें। जिससे ईद के आने से पहले देश में कोरोना वायरस खत्म हो जाए।
सोच-नजरिये में बदलाव का जिक्र
पीएम ने कहा कि हर मुश्किल हालात और हर लड़ाई हमें कुछ न कुछ सबक देती है। इस महामारी के खिलाफ जंग के दौरान हमारे नजरिये में व्यापक बदलाव हुआ है। सेवा क्षेत्रों से जुड़ी पुलिस, स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों के प्रति हमारा नजरिया बदला है। इस जंग के दौरान देश की संकल्प शक्ति बढ़ी है। नए बदलाव की शुरुआत हुई है। हमारे व्यापार, कार्यालय, शिक्षण संस्थान, मेडिकल सेंटर जैसे कई क्षेत्र तेजी से ननई तकनीकी बदलावों की ओर बढ़ रहे हैं।
ताली, थाली, दीया ने दिया जज्बा
पीएम ने कहा कि ताली, थाली, दीया, मोमबत्ती जैसे क्रियाकलापों ने जिन भावनाओंं को जन्म दिया, उसने इस महामारी से लडऩे का जज्बा पैदा किया। इस जज्बे से देश ने कुछ न कुछ करने की। इससे पूरा देश इस जंग से लडऩे के लिए प्रेरित हुआ। इसने हम सबको, एक मन, एक मजबूत धागे में पिरो दिया। इससे हमें एक होकर देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली है.
जनता के नेतृत्व में देश लड़ रहा जंग
पीमए ने कहा कि सही मायने में कोरोना के खिलाफ देश जनता के नेतृत्व में लड़ाई लड़ रहा है। जनता की अगुवाई में शासन-प्रशासन मिल कर इस जंग से पार पाने में जुटा है। हम भाग्यशाली है कि आज पूरा देश एक मोर्चे पर एकजुट है। केंद्र और राज्य सरकारें, हर विभाग मिल जुल कर इस महामारी की रफ्तार कम करने में जुटे
प्रकृति-विकृति-संस्कृति
प्रकृति-विकृति-संस्कृति को साथ साथ देखें और इनके भावों को समझें तो जीवन को समझने का मौका मिलता है। जब हम कहते हैं कि यह मेरा है और मैं इसका उपयोग करता हूं तो यह प्रकृति है। मगर जो मेरा नहीं है, जिस पर मेरा हक नहीं है, उसे मैं दूसरे से छीन कर उपयोग करता हूं तो ये विकृति है। वहीं जब हमारे मन में दूसरों की सेवा का भाव आता है तो यह प्रकृति है। अपने हिस्से का दूसरे की मदद में इस्तेमाल ही संस्कृति है। कसौटी के समय ही इनका परीक्षण होता है।
थूकने की आदत छोड़ें
पीएम ने इस दौरान थूकने की आदत को छोडऩे की अपील की। उन्होंने कहा कि इस महामारी से पहले सब जानते थे कि थूकने की आदत खराब है। मगर इसमेंं बदलाव नहीं आ रहा था। अब इस महामारी की सीख है कि इसे खत्म करने का समय आ गया है। ये बुरी आदत है, इसे छोडऩा ही हितकर होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *