मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों ने हर किसी को हैरान कर रखा है। प्रदेश में अब तक 7,628 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। वहीं, मुंबई में पिछले 48 घंटों में 23 कोरोना मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसमें मुंबई में कोविड-19 से संक्रमित पुलिस के 57 वर्षीय हवलदार भी शामिल हैं। उन्होंने शनिवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया।
दरअसल, महाराष्ट्र में पुलिसकर्मियों को दो मोर्चों पर लड़ाई लडऩी पड़ रही है। वो कोरोना से भी लड़ रहे हैं और आम लोगों से भी। सूत्रों के अनुसार, शनिवार दोपहर तक महाराष्ट्र में लॉकडाउन के दौरान 148 पुलिसकर्मियों पर हमले हुए। पुलिस पर हमले में 477 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने लॉकडाउन के उल्लंघन में अब तक 14,955 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान 47 हजार से ज्यादा वाहन जब्त किए हैं और 2 करोड़ 63 लाख रुपये से ज्यादा का लोगों पर जुर्माना भी लगाया है।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से किसी पुलिसकर्मी की मौत का यह पहला मामला है। यह हवलदार पश्चिमी उपनगर में एक पुलिस थाने से जुड़ा था। वह दक्षिण मुंबई के वर्ली नाका इलाके में रहता था और वाकोला पुलिस स्टेशन में कार्यरत था। इससे पहले अधिकारियों ने कहा कि महाराष्ट्र में अबतक 15 अधिकारियों समेत कुल 96 पुलिसकर्मी कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 15 अधिकारी और 81 सिपाही हैं। इनमें 3 अधिकारियों और 4 सिपाहियों को अस्पतालों से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। बाकी पुलिसवालों का अभी इलाज चल रहा है।
लॉकडाउन के एक महीने के भीतर मुंबई में कोरोना मरीजों की संख्या 100 गुना से अधिक बढ़ी है। यहां 25 मार्च को कोरोना मरीजों की संख्या सिर्फ 43 थी, जबकि 2 लोगों की मौत हुई थी। एक महीने बाद यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 4,589 हो गई, जबकि मौतों की संख्या 179 तक जा पहुंची। देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे की यह सबसे तेज रफ्तार है।
जानकारों का कहना है कि यदि लॉकडाउन नहीं होता तो मुंबई में कोरोना संक्रमण अब तक तीसरे चरण में पहुंच गया होता। इसके बावजूद एक महीने के भीतर मरीजों का 100 गुना हो जाना चिंताजनक है।