मनरेगा के तहत 20 हजार से अधिक मजदूरों को रोजगार

सोशल डिस्टेंसिंग का हो रहा है पालन
बिलासपुर।
मन में इच्छाशक्ति हो तो क्षेत्र में काम की कमी नहीं है। विपरीत परिस्थितियां भी आड़े नहीं आता, काम का जुगाड़ हो ही जाता है। ग्राम हथनी के बालमुकुंद ने बताया कि वे कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिये किये गये लाॅकडाउन के प्रारंभ में कुछ दिन तक काम पर नही आये। लेकिन अब लगातार काम पर आ रहे हैं। काम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। कार्यस्थल पर छाया, पानी, मास्क और साबुन उपलब्ध है। वे मास्क लगाकर काम करते हैं और समय-समय पर साबुन से हाथ धोते हैं। बिल्हा विकासखंड के ग्राम हथनी में सियाराम को महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत बाड़ी विकास के लिये 50 हजार रूपये की स्वीकृति मिली है। जिसमें 15-16 मजदूर कार्यरत हैं, उनमें से बालमुकुंद भी है। यहां पर कार्यरत रानी बाई यादव ने बताया कि बाड़ी विकास के कार्य पूर्ण होने से साग, सब्जी उत्पादन में वृद्धि होगी और अच्छी आमदनी मिलेगी। ग्राम धूमा के सुरेश कुमार तुकाने ने बताया कि बाड़ी विकास के लिये मनरेगा के तहत उसे 50 हजार की स्वीकृति मिली है। यहां 10 मजदूर कार्यरत हैं, यहां पर काम की कमी नही है।
जनपद पंचायत बिल्हा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि मनरेगा के तहत विकासखंड के 90 ग्राम पंचायतों में 247 कार्य संचालित हैं। जिसमें 4700 मजदूर कार्यरत हैं। संचालित कार्यों में मुख्य रूप से भूमि सुधार, नाला जीर्णोद्धार, डबरी निर्माण, तालाब गहरीकरण, चारागाह एवं बाड़ी विकास कार्य शामिल हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में प्रतिदिन मजदूरों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रारंभ में 23 ग्राम पंचायतों से बढ़कर अब 90 ग्राम पंचायतों मंा कार्य चल रहे हैं। बिल्हा विकासखंड में 127 ग्राम पंचायत हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए किये गये लॉकडाउन के दौरान भी ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार की समस्या नहीं है। जिला पंचायत बिलासपुर के अंतर्गत मनरेगा के तहत पंजीकृत 22 हजार 191 मजदूरों में से 20 हजार 488 श्रमिक वर्तमान में कार्यरत हैं।
बिलासपुर एवं नवगठित गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले में मनरेगा का कार्य जिला पंचायत बिलासपुर के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। इन दोनों जिले के 647 ग्राम पंचायतों में से 348 में अभी 1503 रोजगारमूलक काम चल रहे हैं। बिलासपुर जिले के 443 ग्राम पंचायतों में से 210 ग्राम पंचायतों में 671 कार्य चल रहे हैं। इन पंचायतों के 10, 992 पंजीकृत श्रमिकों में से 9751 श्रमिक रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। इसी तरह गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही के 3 विकासखंडों में 164 ग्राम पंचायत हैं, जिनमें से 138 ग्राम पंचायतों में 832 कार्य चल रहे हैं। यहां 11,199 पंजीकृत मजदूर हैं जिनमें से 10733 कार्यरत हैं।
कोरोना वायरस से बचाव को ध्यान में रखते हुए मनरेगा में कार्यस्थल पर तथा घर से कार्य के लिए आने-जाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। काम शुरू करने और काम खत्म होने के पश्चात् मजदूरों की हाथ धुलाई व सैनेटाइजेशन पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। काम के दौरान मजदूरों को हमेशा गमछा रखने कहा गया ताकि इससे मुंह व नाक ढंकें तथा पसीना पोछें। इस गमछे की रोजाना साबुन से धुलाई करने कहा गया है।

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