जीवन को सुखद बनाने के लिए माइण्ड को सेट करना जरूरी :शक्तिराज सिंह

रायपुर

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा इण्डोर स्टेडियम में जीवन प्रबन्धन कला पर आधारित तीन दिवसीय शिविर में बोलते हुए ब्रह्माकुमार शक्तिराज भाई ने कहा कि जीवन को खुशहाल बनाने के लिए माइण्ड का सेट होना जरूरी है। माइण्ड को सेट नहीं करेंगे तो पूरा जीवन अपसेट हो सकता है।

इन्टरनेशनल माइण्ड व मेमोरी मैनेजमेन्ट ट्रेनर ब्रह्माकुमार शक्तिराज सिंह ने बताया कि जीवन में खुशियाँ पाना चाहते हैं तो हमें वर्तमान में जीना सीखना होगा। न तो बीती बातों का चिन्तन करें और न ही भविष्य  की चिन्ता करें। अभी जो हमारे पास है उसका आनन्द लें। कई लोग निनान्बे के फेर में ही सारा जीवन गुजार देते हैं। उनको अपने पास निनान्बे होने की खुशी नहीं रहती लेकिन एक कम क्यों है? इसी बात की चिन्ता करते रहते हैं। हमारे पास जो है उसमें खुश रहना सीखो। भूतकाल सपना है, भविष्य काल कल्पना है किन्तु वर्तमान तो अपना है। इसलिए वर्तमान में हर छोटी सी छोटी चीज में खुशियाँ ढूँढने का प्रयास करें। जिन्दगी को खुशी-खुशी से जिएं।

ब्रह्माकुमार शक्तिराज ने कहा कि तनाव से बचने के लिए मन में पैदा होने वाले विचारों की संख्या (क्वांटिटी) को कम करना है और उसकी गुणवत्ता (क्वालिटी) को बढ़ाना है। इस देश में माइण्ड को सेट करने का तरीका सिखलाने के लिए ब्रह्माकुमारी संस्थान के अलावा दूसरा कोई कालेज नहीं है। उन्होंने बतलाया कि माइण्ड को सेट करने के लिए राजयोग मेडिटेशन सबसे अच्छा तरीका है। जैसे मोबाईल की बैटरी को रोज चार्ज करते हैं, उसी प्रकार माइण्ड को भी रोज चार्ज करने की जरूरत है। रात को जब हम सोते हैं तो सिर्फ शरीर को आराम मिलता है किन्तु मेडिटेशन करने से आत्मा को शान्ति की अनुभूति होती है।

ब्रह्माकुमार शक्तिराज ने बताया कि ताली बजाना अच्छा एक्सरसाईज है। ताली बजाओ रोग भगाओ। चिकित्सकों का कहना है कि ताली बजाने से हार्ट अटैक का खतरा बीस प्रतिशत कम हो जाता है। हमारे विचारों का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जो हम सोचते हैं वही हमें बदले में वापिस मिलता है इसलिए सदैव सभी के लिए शुभ सोचो। उन्होंने कहा कि निगेटिव एनर्जी को खत्म करने का अच्छा तरीका है कि हम मुस्कुराना सीखें। मुस्कुराने से हम अस्सी प्रतिशत से अधिक बीमारियों से बच जाते हैं। इससे हमारे अन्दर की नकारात्मकता तो खत्म होती  ही है साथ ही वायुमण्डल में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। एक बच्चा सारे दिन में तीन सौ से अधिक बार मुस्कुराता है। उसी प्रकार आप भी पद और पोजीशन भूलकर बच्चा बन जाइए तो तनावमुक्त हो जाएंगे।