गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मुस्लिम इत्तेहाद कमेटी ने बड़ा फैसला लिया है। अब जिले में किसी भी इंटरकास्ट मैरिज में मौलाना निकाह नहीं पढ़ाएंगे एवं समाज के द्वारा भी संबंधित पर कड़ा रुख अपनाने का फैसला लिया गया हैं। हाल ही में जिले के छुरा गांव में हुए घटना की मुस्लिम समाज और इत्तेहाद कमेटी ने निंदा की और यह फैसला लिया है। इसको लेकर समाज के लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा है। इत्तेहाद कमेटी छत्तीसगढ़ मुस्लिम जमात ने ज्ञापन में कहा कि हाल ही में छुरा में जो घटना हुई है हम सभी मुस्लिम समाज और इत्तेहाद कमेटी उस घटना से आहत है, हम इस घटना की निंदा करते हैं और हमारा मुस्लिम समाज व इत्तेहाद कमेटी ऐसे कृत्य और ऐसे कृत्य करने वालों का सामाजिक तौर पे बहिष्कार करती है।गरियाबंद जिले में घर से भाग कर आये चाहे वह किसी भी जिले के निवासी हो या जिले के निवासी हो, चाहे वह दोनों प्रेमी प्रेमिका मुस्लिम समाज के ही क्यों ना या फिर प्रेमी मुस्लिम हो और प्रेमिका किसी और धर्म की, उनके प्रेम विवाह में मुस्लिम समाज गरियाबंद जिला इत्तेहाद कमेटी उनका किसी भी प्रकार से समर्थन करती है और जिले में ऐसे लोगों का कही भी कोई भी मौलाना निकाह नहीं पढ़ायेगा।इसके साथ ही कमेटी न कहा कि कोई भी गलत काम जैसे प्रेम विवाह,बलात्कर, चोरी-डकैती,लूटमार, आपराधिक घटना में लिप्त एवं किसी भी प्रकार से अंधविश्वास फैलाना और किसी भी प्रकार से समाज और नगर को बदनाम करता है तो ऐसे व्यक्ति से हमारे समाज का कोई लेना देना नहीं, हमारे समाज के किसी असमाजिक तत्व के द्वारा किसी भी प्रकार से किसी भी समाज के किसी भी व्यक्ति को अगर प्रताड़ित किया जाता है और कोई भी क्षति पहुंचाई जाती है तो गरियाबंद के सभी मुस्लिम समाज पीड़ित परिवार के साथ खड़ा रहेगा और हरसंभव मदद करेगा। साथ ही कमेटी ने पूरे समाज को कटघरे में खड़ा कर नगर में अशांति का माहौल बनाने की कोशिश करते हैं वो ऐसा ना करें क्योंकि उस से नफरत ही बढ़ेगी बल्कि आओ हम सब मिलकर प्रयास करें कि हमारे नगर में हमारे समाज में जो असमाजिक तत्व हैं जो असमाजिक काम करते हैं उनके खिलाफ हम संगठित हो जाये और ऐसे असामाजिक लोगों को कानून के हवाले कर उनको सजा दिलाए और अपने नगर में अपने जिले में प्रदेश में शांति व्यवस्था स्थापित करें।