‘मुस्लिमों को बलि का बकरा बनाना कोरोना की दवा नहीं’- ओवैसी

हैदराबाद: कोरोना वायरस का प्रकोप भारत में बढ़ता ही जा रहा है। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ाने के लिए कई लोग सोशल मीडिया पर तबलीगी जमात को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। एक ऐसे ही ट्वीट पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। असदुद्दीन ओवैसी ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट करके लिखा, “बिना किसी प्लानिंग के लागू किए लॉकडाउन और COVID-19 के लिए किए गिए मामूली उपाए से निपटने की कोशिशों की आलोचना से बचने का मिलाजुला प्रयास किया जा रहा है। BJP के प्रचारकों को मालूम होना चाहिए कि वे व्हॉट्सऐप फॉरवर्ड के जरिए कोरोना वायरस को नहीं हरा सकते। ना ही ‘मुस्लिमों को बलि का बकरा बनाना कोरोना की दवा है और ना ही यह पर्याप्त टेस्टिंग का ऑप्शन है।”
असदुद्दीन ओवैसी ने यह प्रतिक्रिया Adrija Bose के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए किया था। – ”मुसलमानों को भोजन पर थूकना, मस्जिदों में छिपकर कोरोना वायरस फैलान? इन 8 फेक न्यूज से सावधान रहें।” Adrija Bose ने अपने ट्विटर बॉयो में खुद को पत्रकार बताया है।
देश में 4,067 कोरोना मरीजों में से 1,445 मरीज तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े थे- 6 अप्रैल तक का डाटा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से सोमवार (6 अप्रैल) को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के कुल 4,067 मामले सामने आए थे, जिनमें से कम से कम 1,445 पिछले महीने दिल्ली के पश्चिम निजामुद्दीन इलाके में स्थिति तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े थे।
25,500 तबलीगी सदस्यों और उनके संपर्कों को देश में क्वॉरेंटाइन किया गया
केंद्र और राज्य सरकार द्वारा तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े लोगों की पहचान के लिये शुरू किये गए ‘व्यापक अभियान’ के बाद अब तक 25,500 तबलीगी सदस्यों और उनके संपर्कों को पृथकवास में भेज दिया गया है। इस धार्मिक कार्यक्रम में 1,000 विदेशियों समेत कम से कम 9000 लोग शामिल हुए थे और इसके बाद ये लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में भी गए। राज्यों से मिली खबरों के मुताबिक इन प्रतिभागियों में से बहुत से अब भी जांच के लिये सामने नहीं आए हैं।

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