महाविद्यालयों की दीवारों पर नवाचार, उपलब्धि और शासकीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें : उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव

राज्य उच्च शिक्षा परिषद की बैठक सम्पन्न

भोपाल

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश में कई नवाचार हुए हैं। विभाग के नवाचारों और उपलब्धियों पर बुकलेट प्रकाशित कर सभी जिलों में भेजी जाएं। महाविद्यालयों की दीवारों पर शासकीय योजनाओं का वॉल पेंटिंग के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार किया जाये। इसके लिए महाविद्यालयों में स्लोगन प्रतियोगिता आदि आयोजित कर सकते हैं। मंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में मध्यप्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एनएसएस और एनसीसी को पाठयक्रम के रूप में शामिल किया गया है। प्रत्येक महाविद्यालय द्वारा ग्राम गोद लेकर इनकी विकास गतिविधियों के संचालन की रिपोर्ट मंगवाई जाए।

मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश का सकल नामांकन अनुपात 27.1 प्रतिशत है। आगामी वर्षों के लिए कार्य-योजना तैयार की गई है। प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान वर्ष 2023-26 के लिए जारी दिशा-निर्देश अनुसार जिलों के चयन का कार्य प्रारम्भ है। चयन का आधार कम जीईआर, उग्रवाद प्रभावित जिले, सीमा क्षेत्र के जिले तथा अनुसूचित जातियों-जनजातियों, महिलाओं, अन्य पिछड़ा वर्गों एवं ट्रांसजेंडर की अनुपातिक जनसंख्या होगी। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में स्नातक चतुर्थ वर्ष एवं स्नातकोत्तर स्तर के पाठयक्रम का निर्माण, स्नातक स्तर पर क्षेत्र की आवश्यकता अनुसार नवीन व्यावसायिक विषय और रोजगारोन्मुखी पाठयक्रम का समावेश, प्रत्येक जिले में कौशल संवर्धन प्रयोगशालाओं का निर्माण, जिलों में वर्चुअल माध्यम से अध्ययन के लिए डिजिटल स्टूडियो तथा स्मार्ट क्लास की स्थापना की जायेगी।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए भावी योजनाएँ तैयार की गई हैं। प्रत्येक जिले में स्नातकोत्तर महाविद्यालय तथा विवेकानन्द युवा संसाधन केन्द्र की स्थापना, 262 महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन के लिए तैयार करना तथा सभी महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों को एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीटयूट रैंकिंग फ्रेमवर्क) में सहभागिता एवं पंजीयन, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से गुणवत्ता उन्नयन, गोपनीय चरित्रावली की प्रक्रिया को ऑनलाइन करना तथा ई-ऑफिस की संचालनालय, मंत्रालय तथा महाविद्यालय स्तर पर क्रियान्वयन किये जाने का लक्ष्य है।

प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा के.सी. गुप्ता ने कहा कि प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में 368 प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ एमओयू किया गया है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर 12 एमओयू मेक्सिको, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, कनाडा, ताइवान, स्विटजरलैंड आदि तथा राष्ट्रीय स्तर पर 48 प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ 152 एमओयू किया गया है।

आयुक्त उच्च शिक्षा कर्मवीर शर्मा ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में भारतीय सभ्यता के विभिन्न पहलु पर अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सेंटर फॉर इंडियन स्टडीज की स्थापना की गई है। यह सेन्टर बेजोड़ विविधता और एकता के स्रोतों पर प्रकाश डालेगा। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली के द्वारा स्थापित एजुकेशनल मल्टी मीडिया रिसर्च सेन्टर के माध्यम से SWAYAM प्लेटफार्म के लिए मैसीव ओपन ऑनलाइन कोर्सेस का निर्माण किया जा रहा है। यह देश का एकमात्र मीडिया सेन्टर है जिससे इलेक्ट्रानिक मीडिया के पाठयक्रमों का संचालन किया जा रहा है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा बायो-डिजाइन इनोवेशन सेन्टर की स्थापना के माध्यम से पारंपरिक तथा तकनीकी संसाधनों के साथ डिजाइन को एकीकृत करने के लिए संबंधित संस्थानों के साथ साझेदारी की जा रही है। विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।