चीन के कर्ज ने किया बर्बाद, पाक IMF का चौथा सबसे बड़ा कर्जदार बनेगा

कराची

चीन से करीबी पाकिस्तान को बहुत भारी पड़ रही है। चीन से मिले लोन का ब्याज देते-देते पाकिस्तान कंगाल हो चुका है और कभी भी डिफॉल्टर बन सकता है। देश में महंगाई चरम पर है और सरकारी खजाना पूरी तरह खाली हो चुका है। देश आजादी के बाद अपने सबसे खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रहा है। दुनिया का कोई देश उसे लोन देने को तैयार नहीं है। उसके पुराने दोस्त चीन ने भी और लोन देने से इन्कार कर दिया है। पाकिस्तान की सरकार ने आईएमएफ (IMF) से लोन मांगा है जिसने इसके लिए कड़ी शर्तें लगा रखी हैं। अभी पाकिस्तान आईएमएफ का पांचवां सबसे बड़ा कर्जदार है। अगर उसे आईएमएफ से तीन अरब डॉलर का ताजा लोन मिलता है तो वह इसका चौथा सबसे बड़ा कर्जदार बन जाएगा।

आईएमएफ के डेटा के मुताबिक अभी उसके कर्जदारों की लिस्ट में अर्जेंटीना पहले नंबर पर है। इस साउथ अमेरिकी देश पर आईएमएफ का 46 अरब डॉलर कर्ज है। दूसरे नंबर पर मिस्र है। इस पर आईएमएफ का 18 अरब डॉलर का कर्जा है। युद्ध की विभीषिका से जूझ रहे यूक्रेन पर आईएमएफ का 12.2 अरब डॉलर कर्ज है। इसी तरह इक्वाडोर 8.2 अरब डॉलर के कर्ज के साथ चौथे नंबर पर है। पाकिस्तान पर आईएमएफ का 7.4 अरब डॉलर का कर्ज है और उसके कर्जदारों की लिस्ट में पांचवें नंबर पर है। पाकिस्तान को अगले नौ महीने में आईएमएफ की तरफ से तीन अरब डॉलर का कर्ज मिलेगा। इससे इक्वाडोर को पछाड़कर पाकिस्तान आईएमएफ का पांचवां सबसे बड़ा कर्जदार बन जाएगा। उस पर पाकिस्तान का कर्ज 10.4 अरब डॉलर पहुंच जाएगा।

चीन के कर्ज ने किया बर्बाद
चीन के कर्ज जाल में फंसकर दुनिया के कई देश बर्बाद हो चुके हैं। इसमें पाकिस्तान और श्रीलंका के अलावा वेनेजुएला, केन्या, जाम्बिया, लाओस, इथियोपिया और मंगोलिया शामिल हैं। इन देशों की सरकारों के रेवेन्यू का अधिकांश हिस्सा चीन के लोन का इंटरेस्ट देने में जा रहा है। जाम्बिया और श्रीलंका तो पहले ही डिफॉल्ट हो चुके हैं। चीन एक पाई का भी लोन माफ करने को तैयार नहीं है। दूसरी समस्या यह है कि चीन ने कितना कर्ज दिया है और उसकी शर्तें क्या हैं, इसमें कुछ भी सार्वजनिक नहीं है। यही कारण हैं कि कर्ज देने वाले दूसरे देश भी इन देशों की मदद करने को तैयार नहीं हैं।